न्यूज नेशन पर रात नौ बजे का समय 'खोज खबर' का होता है, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने वे उकसाते रहे, आग लगाते रहे? मुद्दे पर चैनल पर आए मेहमानों के साथ चर्चा की. इस बहस में इस्मालिक स्कॉलर इरफा जान, सीएए विरोधी तबस्सुम नाज, य़ूथ फॉर इक्वैलिटी डॉ. कौशल कांत मिश्रा, राजनीतिक विश्लेषक गीता भट्ट, पूर्व डीजीपी यूपी विक्रम सिंह, वकील पीके शर्मा ने हिस्सा लिया है.
इरफा जान ने कहा कि आंदोलन तो सभी लोग करते हैं तो हमारे प्रदर्शन का विरोध क्यों हो रहा है. अगर अनुराग ठाकुर ने भड़काऊ भाषण नहीं दिया तो चुनाव आयोग ने क्यों कार्रवाई की. डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि सीएए के खिलाफ आपका आंदोलन हिन्दू बनाम मुस्लिम बन गया है. वहीं. विक्रम सिंह ने कहा कि ऐसे तथाकथित शांति के राजदूतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. अगर किसी ने कानून का उल्लंघन किया है तो कार्रवाई होनी चाहिए. 'गली-गली में खून बहेगा' यह बयान सबसे ज्यादा भड़काऊ है. अगर पुलिस अपने में आ जाए तो तौकीर रजा जैसे नेता ठीक हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि स्वरा भास्कर को पहले यह देखना चाहिए था कि वह किसकी बेटी हैं.
इसके बाद गीता भट्ट ने कहा कि तथाकथित शांति के राजदूत भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. पुरुषों को कुछ फायदा हो रहा था, इसलिए वे घर की महिलाओं को प्रदर्शन में भेजते हैं. तबस्सुम नाज ने आगे कहा कि धर्म देखकर कभी इंसाफ नहीं होना चाहिए, जिसने गलती की है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. हम कानून पर भरोसा करते हैं. ये लड़ाई दंगे बाबरी मस्जिद के फैसले के दौरान हो जाते, लेकिन हमें कानून पर भरोसा है.
Source : News Nation Bureau