संसद का बजट सत्र पार्ट टू चल रहा है. कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल दिल्ली में हिंसा को लेकर लगातार हंगामा कर रहे हैं, जिससे कार्यवाही बाधित हो रही है. एक दिन पहले लोकसभा के स्पीकर ने हंगामे को लेकर सत्तापक्ष और विपक्षी सांसदों को हंगामा न करने की नसीहत दी थी. आज भी संसद की कार्यवाही बाधित हो सकती है, क्योंकि दिल्ली हिंसा पर हंगामा करने वाली कांग्रेस के हाथ से मध्य प्रदेश जाने का डर सता रहा है. सत्तापक्ष के 8 विधायकों को गुरुग्राम के रिजॉर्ट में देखे जाने और फिर देर रात कांग्रेस नेताओं द्वारा 4 विधायकों को छुड़ाने के बाद कांग्रेस और भाजपा नेता आमने-सामने हैं. अब देखना यह होगा कि संसद में कांग्रेस दिल्ली हिंसा पर फोकस करती है या फिर विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर प्रदर्शन करती है.
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दरअसल, कांग्रेस पार्टी के चार और बाहर से समर्थन दे रहे निर्दलीय और सपा-बसपा के विधायकों सहित आठ विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में देखा गया. इसके बाद कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह वहां पहुंच गए और चार विधायकों को छुड़ा लाए. इस दौरान बताया जा रहा है कि पुलिस से उनकी झड़प भी हुई. एक दिन पहले ही दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए कहा था, 'भाजपा राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए उनकी पार्टी के विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा 25-35 करोड़ रुपये देकर कांग्रेस के विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.'
बताया जा रहा है कि जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह देर रात बसपा से निष्कासित विधायक राम बाई और कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल साहू को होटल से निकालकर ले गए. इस दौरान जीतू पटवारी और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. हालांकि विधायक हरदीप सिंह (कांग्रेस ,सवासरा), निर्दलीय सुरेन्द्र सिंह शेरा, बीएसपी विधायक संजीव कुशवाह, कांग्रेस विधायक ऐदल सिंह कंसाना का का कोई पता नहीं चल पा रहा है.
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इससे पहले खबर आई थी कि बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा चार कांग्रेसी और 4 गैर कांग्रेसी विधायकों को लेकर गुरुग्राम के पांच सितारा होटल आईटीसी मानेसर में ठहरे हुए हैं. दिग्विजय सिंह को इस बारे में जानकारी मिली तो वे कुछ कांग्रेसी विधायकों के साथ वहां पहुंच गए. वहां पुलिस ने उन्हें रोका तो वहां झड़प भी हुई. इस दौरान सीआईएसएफ के जवान भी मौजूद रहे.
दिग्विजय सिंह ने इस पूरे प्रकरण पर कहा, जब हमें पता चला तो जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह वहां गए. जिन लोगों के साथ संपर्क स्थापित किया गया था, वे वापस आने को तैयार थे. हम बिसाहूलाल साहू और राम बाई के संपर्क में थे. राम बाई वापस आईं, तब भी जब बीजेपी ने उन्हें रोकने की कोशिश की.
Source : News Nation Bureau