केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista Project) के निर्माण कार्य को जारी रखने की अनुमति देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने हाल ही में कहा था कि यह एक अहम और आवश्यक राष्ट्रीय परियोजना है. वहीं, अब दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में प्रदीप कुमार नाम के एक शख्स ने याचिका दायर की है. हालाकि प्रदीप कुमार दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court में याचिकाकर्ता नहीं थे. प्रदीप यादव ने यह अर्जी दाखिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के फैसले की समीक्षा की मांग की है.
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल अर्जी में कहा गया कि देश कोरोना संक्रमण से अभी उबर नहीं पाया है. छोटी और बड़ी दुकानें बंद हैं. लिहाजा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने सेंट्रल विस्टा को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना बताते हुए काम स्थगित करने से इंकार कर दिया था. इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल उठाते हुए 1 लाख का जुर्माना भी लगाया था.
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बता दें कि इस मामले को शीर्ष अदालत के सामने भी रखा जा चुका है, मगर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस बात के मद्देनजर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था कि यह मामला पहले से ही दिल्ली हाईकोर्ट में है. याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 स्थिति और निर्माण कार्य के कारण संक्रमण फैलने की संभावना से उत्पन्न खतरे के कारण निर्माण को रोकने का आग्रह किया था. दरअसल, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नया संसद भवन, प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के अलावा कई सरकारी इमारतें राजपथ और इंडिया गेट के आसपास बन रही हैं. कोविड-19 महामारी के इस बुरे दौर के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर विपक्षी दल भी हमलावर बने हुए हैं.
HIGHLIGHTS
- सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के काम पर रोक की मांग खारिज
- दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई
- प्रदीप कुमार नाम के एक शख्स ने याचिका दायर की है