प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद भी किसान संगठन तत्काल धरना-प्रदर्शन खत्म करने पर सहमत नहीं है. किसान नेता अब आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिजनों के लिए मुआवजा की मांग कर रहे हैं. शिरोमणि अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि, "आज वास्तव में एक ऐसा दिन है जो इतिहास में दर्ज हो जाएगा. आज वास्तव में उन 800 किसानों को याद करने का दिन है जिन्होंने इन बिलों को निरस्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. हम उन्हें कभी नहीं भूल सकते. हम उन्हें और उनके परिवारों को कभी भी पर्याप्त धन्यवाद नहीं दे सकते."
Today indeed is a day that will go down in history. Today indeed is a day to remember those 800 farmers who laid down their lives to get these bills repealed. We can never forget them. We can never thank them &their families enough: Shiromani Akali Dal leader Harsimrat Kaur Badal pic.twitter.com/3PZVpl6yhX
— ANI (@ANI) November 19, 2021
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को बहुत देरी से लेकिन एक स्वागत योग्य कदम बताया है. उन्होंने राज्य और किसानों को विरोध के दौरान जान-माल के नुकसान के लिए पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की है.
Punjab CM Charanjit Singh Channi has termed the Centre's decision to repeal 3 #FarmLaws as much delayed but a welcome step. He also sought compensation for the state and farmers adequately for loss of life and property losses during the protest: CMO pic.twitter.com/UAm4yEhfkM
— ANI (@ANI) November 19, 2021
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा-"हमारे 750 लोगों की मौत के बाद सरकार जाग गई.उन्होंने 3 कृषि कानूनों को कहां वापस लिया? कागज़ कहाँ हैं? कागज दिखाओ...हम विरोध जारी रखेंगे...जब कृषि कानून वापस लिए जाएंगे, हम लौटेंगे."
The government woke up after our 750 people died... Where have they withdrawn 3 farm laws? Where are the papers? Show us the papers...we will continue the protest...When farm laws are withdrawn, we will return...: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/bWqPe5KnrZ
— ANI (@ANI) November 19, 2021
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान नेताओं के कृषि कानूनों को रद्द करने के कागज दिखाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "किसानों को चिंता नहीं करनी चाहिए. अगर पीएम ने घोषणा की है कि 3 कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाएगा, तो वास्तव में ऐसा होगा. यहां तक कि विपक्ष के नेता हुड्डा जी ने भी लोगों से भरोसा रखने को कहा है.भरोसा करने जैसी कोई बात नहीं है. अविश्वास है तो दुख की बात है.
Farmers should not worry...If PM has announced that 3 farm laws will be withdrawn then indeed, it'll happen. Even Opposition leader Hooda Ji has asked people to have faith... There is nothing not to trust. If there is distrust, then it's sad: Haryana CM Manohar Lal Khattar pic.twitter.com/VZw2mU3hZG
— ANI (@ANI) November 19, 2021
सीएम खट्टर ने कहा कि मैं सभी से कृषि कानूनों के मुद्दे पर परस्पर आगे बढ़ने की अपील करता हूं. जहां तक एमएसपी का सवाल है, चूंकि यह किसानों का सुझाव है, पीएम ने घोषणा की है कि इस मामले पर फैसला लेने के लिए किसानों, राज्यों, केंद्र... की एक समिति बनाई जाएगी.
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अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के फेसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 3 कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है और आज गुरु नानक जयंती जैसे शुभ दिन पर यह खुशखबरी है. हमारी चिंता यह है कि कुछ लोगों ने इस आंदोलन को सिख बनाम भारत सरकार के रूप में चित्रित करने की कोशिश की है, और इसे सिख बनाम हिंदुओं के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया है.
GoI has repealed 3 farm laws & it's happy news on an auspicious day like today #GuruNanakJayanti.Our concern is that some people have tried portraying this movement as Sikh vs GoI, &attempts also made to paint it as Sikhs vs Hindus:Giani Harpreet Singh, Akal Takht acting Jathedar pic.twitter.com/3opO6UOmFH
— ANI (@ANI) November 19, 2021
Source : News Nation Bureau