केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से हैदराबाद के आसपास प्रस्तावित क्षेत्रीय रिंग रोड (आरआरआर) के काम में तेजी लाने का आग्रह किया. रेड्डी के साथ भाजपा उपाध्यक्ष डी. के. अरुण और पार्टी के ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष एल. लक्ष्मण ने इस संबंध में ज्ञापन सौंपने के लिए नई दिल्ली में गडकरी से मुलाकात की. रेड्डी, जो सिकंदराबाद से सांसद हैं, उन्होंने गडकरी से आरआरआर के लिए दो पीआईयू (परियोजना कार्यान्वयन इकाई) को मंजूरी देने पर विचार करने का आग्रह किया. रेड्डी के अनुसार, गडकरी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज गति से पूरा होने के साथ ही परियोजना पर काम तेज किया जाएगा. प्रस्तावित आरआरआर की लंबाई लगभग 340 किलोमीटर होगी और इस परियोजना की कुल लागत 16,003 करोड़ रुपये आएगी.
इस परियोजना से राज्य की बड़ी आबादी को सीधे तौर पर लाभ पहुंचने की उम्मीद है। आरआरआर, यदाद्री जैसे पर्यटक स्थानों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. एक बार जब इस परियोजना का निर्माण एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे के रूप में हो जाएगा तो वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक वाहनों के लिए यात्रा के समय के साथ ही ईंधन के मामले में भी काफी बचत होगी.
परियोजना मार्ग के आसपास कई औद्योगिक क्लस्टर, आईटी केंद्र, लॉजिस्टिक पार्क, फार्मा उद्योग, मनोरंजक सुविधाएं आदि स्थापित होने की उम्मीद है, जो तेलंगाना की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा. परियोजना पूरी होने पर इससे जुड़ी अन्य सड़क एवं लिंक मार्गों की स्थिति में भी सुधार होगा, जो यात्रा दूरी और समय को कम करेगा.
प्रदूषण पर लगाम कसने की तैयारी में सरकार, नितिन गडकरी के मंत्रालय से होगी शुरुआत
भारत में तेजी से बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम और प्रदूषण के स्तर को देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बढ़ती जा रही है. हम सभी जानते हैं कि बढ़ते प्रदूषण पर इतनी आसानी से काबू नहीं पाया जा सकता. लिहाजा, सरकार और जनता प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. इसी सिलसिले में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए सभी सरकारी मंत्रालयों में अफसरों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन अनिवार्य कर देना चाहिए. गडकरी खुद अपने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्रालय से इसकी शुरुआत करने की तैयारी में हैं. उन्होंने केन्द्रीय विद्युत और ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह से भी अपने मंत्रालय में इस दिशा में कार्य करने की अपील की है.
गडकरी ने शुक्रवार को यहां 'गो इलेक्ट्रिक' अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा, दिल्ली में अगर 10 हजार इलेक्ट्रिक गाड़ियां आ जाएं तो ईंधन पर करीब 30 करोड़ रुपये महीने की बचत होगी. इससे दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या भी कम होगी. सभी सरकारी अधिकारियों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन अनिवार्य किया जाना चाहिए. मैं अपने मंत्रालय में इसकी शुरुआत करूंगा. गडकरी ने 'गो इलेक्ट्रिक' राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि जीवाश्म ईंधन का आयात खर्च 8 लाख करोड़ रुपये है, जिसका विद्युत ईंधन एक अहम विकल्प है. पारंपरिक ईंधन की तुलना में इलेक्ट्रिक ईंधन की लागत कम होती है, इसमें उत्सर्जन कम होता है और यह स्वदेशी भी है.
Source : News Nation Bureau