Advertisment

पुलिस हिरासत में यातना रोकने को सुप्रीम कोर्ट से दिशा-निर्देश जारी करने की मांग

तमिलनाडु में पिता-पुत्र जयराज और बेनिक्स की हिरासत में कथित मौत की पृष्ठभूमि में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें हिरासत में यातना, मौत या दुष्कर्म की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश की मांग की गई है.

author-image
Yogendra Mishra
New Update
supreme court

सुप्रीम कोर्ट।( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

तमिलनाडु में पिता-पुत्र जयराज और बेनिक्स की हिरासत में कथित मौत की पृष्ठभूमि में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें हिरासत में यातना, मौत या दुष्कर्म की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश की मांग की गई है. पीपुल्स चेरिएटीर ऑगेर्नाइजेशन (पीसीओ) ने अपने सचिव, लीगल सेल, वकील देवेश सक्सेना के माध्यम से याचिका दायर की है कि विरोधाभासी रूप से भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के तहत भारतीय पुलिस प्रणाली में औपनिवेशिक मशीनरी है, जो आयरिश औपनिवेशिक अर्धसैनिक पुलिस पर बनी थी.

याचिका में मौलिक अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा गया है कि हम अभी तक अपनी पुलिस के औपनिवेशिक रवैये को खत्म करने में विफल रहे हैं. दलील में कहा गया कि हिरासत में हुई हिंसा पुलिस पदानुक्रम की पारदर्शिता, जवाबदेही और कार्यप्रणाली के बारे में गंभीर संदेह पैदा करती है और नैतिकता, संस्कृति एवं मानवाधिकार न्यायशास्त्र की मूल बातों के खिलाफ जाती है.

यह भी पढ़ें- विकास दुबे के करीब पहुंची UP पुलिस, 24 घंटे में आ सकता है बड़ा रिजल्ट; जानें कैसे

याचिका में दलील दी गई, "कस्टोडियल मौतें न केवल लोकतांत्रिक ताने-बाने और मानवाधिकारों का हनन करती हैं, बल्कि कानून और संवैधानिकता के नियम को भी कमजोर करती हैं."

साथ ही यह दलील भी दी गई है कि एक अनियंत्रित भारतीय पुलिस प्रणाली ने भी खुद को राजनीतिक जोड़-तोड़ के लिए उत्तरदायी दिखाया है और पुलिस सत्ता के हाथों में एक उपकरण बन जाती है, जो विशेष रूप से उनके प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ राजनीतिक तौर पर काम में लाई जाती है.

यह भी पढ़ें- मोदी सरकार पर हमलावर हुई कांग्रेस, कहा- वे गांधी परिवार के लिए नफरत से भरे हैं, लेकिन....

याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह केंद्र को निर्देश दे कि वह सभी संबंधित विभागों/मंत्रालयों के सदस्यों से मिलकर एक स्वतंत्र समिति बनाए, जो पूरे कानूनी ढांचे की समीक्षा कर सके और मौजूदा कानूनी ढांचे में गड़बड़ियों पर अंकुश लगा सके. यह अपील इसलिए की गई है कि हिरासत में यातना/मौत/दुष्कर्म जैसी घटनाएं न हो सकें.

यह भी पढ़ें- मप्र में कोरोना वायरस के प्रकोप की शुरुआत के वक्त 'संकटनाथ' बन गए थे कमलनाथ: CM शिवराज सिंह 

सीबीआई ने अब तूतीकोरिन कस्टोडियल डेथ (हिरासत में मौत) मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की है. पी. जयराज (59) और उनके बेटे जे. बेनिक्स (31) को 19 जून को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें कोविलपट्टी उप-जेल में बंद कर दिया गया था. इन पिता-पुत्र को लॉकडाउन कर्फ्यू के दौरान अपनी मोबाइल फोन की दुकान को सतखुलम शहर के मुख्य बाजार में खुला रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पिता और पुत्र को पुलिस हिरासत में कथित रूप से प्रताड़ित किया गया और फिर इन्हें 22 जून को कोविलपट्टी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिस रात उन्हें भर्ती कराया गया, उसी रात बेटे की मौत हो गई, जबकि पिता का 23 जून को निधन हो गया था.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court Tamilnadu police custody
Advertisment
Advertisment
Advertisment