नोटबंदी को लेकर देश में होने वाले फ़ायदे और नुकसान पर अर्थशास्त्री अपने-अपने तरीके से आकलन करने में जुटे हैं। कुछ जानकारों का मानना है कि इस फैसले से देश को बड़ा फायदा होगा। काला धन बाहर आने से प्रॉपर्टी सस्ती होगी और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि नोटबंदी से शुरुआती समय में देश की इकोनॉमी को झटका लगने वाला है।
अर्थव्यवस्था को 65 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका
आपको बता दें कि CMIE यानी Centre for Monitoring Indian Economy ने अनुमान जताया है कि नोटबंदी से 1 लाख 28 हजार करोड़ का नुकसान पहले 50 दिन में होने जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के तुंरत बाद से अर्थव्यवस्था को 65 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है।
कैश की कमी के कारण कम से कम 50 फीसदी बिक्री कम होने की आशंका
CMIE के आंकड़ों के अनुसार लोग घर के खर्चों पर सालाना 31 लाख करोड़ रुपये खर्च करते हैं। घरेलू सामान अधिकतर कैश में खरीदा जाता है। ऐसे में कैश की कमी के कारण कम से कम 50 फीसदी सेल कम होने की आशंका है। ये नुकसान पहले 50 दिन में ही 61500 करोड़ होगा। कारोबार ही नहीं बैंकों पर भी नोटबंदी बोझ डालने वाला साबित होगा। एटीएम में बदलाव, कर्मचारियों को ओवरटाइम सैलरी और दूसरे खर्चों पर बैंक को 35,100 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
नोटबंदी से उत्पादन क्षमता पर निगेटिव असर
हालांकि इस आंकड़ें में वो समय और इसका मौद्रिक असर शामिल नहीं है जो लोगों के एटीएम और बैंकों के बाहर लाइनों में वक्त लगने से खर्च हो रहा है। साफ है कि नोटबंदी से लोगों की उत्पादन क्षमता पर निगेटिव असर हो रहा है, जिससे सारे देश की उत्पादन क्षमता पर असर हो रहा है। उदाहरण के तौर पर सड़क पर रेहड़ी लगाने वाले, दफ्तरों में काम करने वाले, ऑटो चलाने वाले, दुकानदार आदि सभी तरह के लोग इस समय नोटबंदी की वजह से रोजाना बैंक और एटीएम के बाहर लाइनों में खड़े हो रहे हैं और अपने काम-धंधे को सुचारू रूप से नहीं चला पा रहे हैं।
इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी कहा है कि नोटबंदी से भारत में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी और इसकी भविष्य में ग्रोथ कमजोर पड़ेगी।
HIGHLIGHTS
- आर्थिक जानकारों का आकलन: नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को होगा भारी नुकसान
- 50 फीसदी सेल कम होने की आशंका
Source : News Nation Bureau