कश्मीर से कन्याकुमारी तक राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर बीएसएफ की लाइट मशीन गन के साथ तैनाती की गई है. पुलवामा हमले से सबक लेते हुए एक्ससेस रोड की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा व्यवस्था में मेटल डिटेक्टर और केनाइन यूनिट को भी शामिल किया गया है. जात्रा मार्ग के करीब पीर पंजाल के जंगलों में बीएसएफ कमांडो गश्त लगा रहे हैं. बीएसएससी अधिकारी और जवान के अनुसार इस तरह की भूगोल में काम करना कितना कठिन होता है. खासतौर पर अनंतनाग क्षेत्र में जहां पहले आतंकी समर्थक बहुलता से मिलते थे. यहां पर जंगलों के बीच से भी सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है. इस तरह से अमरनाथ यात्रा को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने की कोशिश हो रही है.
देश के सबसे लंबा कश्मीर कन्याकुमारी हाईवे सीधे अमरनाथ यात्रियों का जत्था अपने वाहन या बसों के जरिए रवाना होता है. जम्मू और श्रीनगर के रास्ते बालटाल और पहलगांव के लिए इसी राजमार्ग का इस्तेमाल किया जाता है. यहां पर लगातार बीएसएफ की निगरानी जारी है.
2019 पुलवामा हमले सबक लेते हुए इस बार सबसे लंबी अमरनाथ यात्रा के लिए ना सिर्फ मुख्य राजमार्ग बल्कि उसके आसपास के तमाम छोटी सड़कों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. यहां किसी भी संदिग्ध वाहन की तलाशी की जाती है. इसमें मेटल डिटेक्टर, खोजी कुत्तों के साथ विशिष्ट कमांडो भी तैनात रहते हैं.
यात्रा मार्ग के आसपास की पहाड़ियों और जंगलों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करने के लिए लाॅग रेंज पेट्रोलिंग में जंगल के अंदर बीएसएफ के जवान गश्त लगाते हैं.
Source : News Nation Bureau