भारत के डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री भारत के अगले विदेश सचिव होंगे. भारत सरकार ने उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं. मिस्री 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी है. मिस्री वर्तमान विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा की जगह लेंगे. 15 जुलाई को मिस्री विदेश सचिव का पदभार संभालेंगे. बता दें, इस साल 30 अप्रैल को ही क्वात्रा का कार्यकाल खत्म हो रहा था पर केंद्र सरकार ने उनके कार्यकाल को छह महीने बढ़ा दिया था. क्वात्रा ने 30 अप्रैल 2022 को पदभार ग्रहण किया था.
तीन प्रधानमंत्रियों के साथ कर चुके हैं काम
खास बात है कि मिस्री इससे पहले 3 प्रधानमंत्रियों के निजी सचिव रह चुके हैं. मिस्री साल 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल, 2012 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में काम कर चुके हैं.
अब जानें उनके बारे में...
मिस्री का जन्म श्रीनगर में हुआ था. उन्होंने सिंधिया स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद हिंदू कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया. उनके पास एमबीए की डिग्री है. सिविल सर्विजेस में आने से पहले मिस्री तीन साल तक प्राइवेट काम भी किया है. मिस्री यूरोप, अफ्रीका, एशिया, उत्तरी अमेरिकी में विभिन्न मिशनों में भी पदस्थ रहे हैं. उन्होंने म्यांमार और स्पेन में भारत के राजदूत के रूप में भी सेवाएं दी हैं. विदेश मंत्रालय के साथ-साथ पीएमओ में भी विभिन्न कार्यालयों पर काम कर चुके हैं. साल 2020 में लद्दाख की गलवान वैली में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के दौरान मिस्री उस डेलिगेशन में भी शामिल रहे, जिन्होंने चीन के साथ कई दौर की बातचीत की थी.
कितना महत्वपूर्ण पद होता है विदेश सचिव
विदेश सचिव भारत सरकार का बहुत ही महत्वपूर्ण पद है. विदेश सचिव विदेश मंत्रालय का शीर्ष अधिकारी होता है. भारत की विदेश नीतियों को बनाने और उन्हें मजबूत करने में विदेश सचिव की अहम भूमिका होती है. विदेश सचिव प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर काम करते हैं. विदेश सचिव विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और कूटनीति का जानकार होता है.
Source : News Nation Bureau