Advertisment

अमेरिका के विरोध के बावजूद पुतिन के भारत दौरे पर S-400 एयर डिफेंस डील पर बनेगी बात

अमेरिका के भारी विरोध के बावजूद भारत और रूस के बीच एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम सौदे पर बात बनती नजर आ रही है।

author-image
kunal kaushal
एडिट
New Update
अमेरिका के विरोध के बावजूद पुतिन के भारत दौरे पर S-400 एयर डिफेंस डील पर बनेगी बात

S400 एयर मिसाइल (फाइल फोटो)

Advertisment

अमेरिका के भारी विरोध के बावजूद भारत और रूस के बीच एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम सौदे पर बात बनती नजर आ रही है। इस हफ्ते भारत की यात्रा पर आ रहे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के साथ यह अहम रक्षा सौदा कर सकते हैं। हालांकि भारत और रूस के बीच होने वाले इस डिफेंस डील से अमेरिका की आपत्ति को नजरअंदाज कर दोनों देश इसे अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बात की जानकारी रूस के अधिकारियों ने दी है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत को रूस से यह डील करने पर कड़े प्रतिबंध लगाने तक की धमकी दी है।

पुतिन के विदेश नीति के वरिष्ठ सहयोगी यूपी उसाकोव ने बताया कि रूस के राष्ट्रपति 4 अक्टूबर को भारत के लिए रवाना होंगे और इस दौरान एस400 एयर डिफेंस सिस्टम की डिलेवरी के लिए समझौता होगा। दोनों देशों के बीच यह सैन्य सौदा करीब 5 अरब डॉलर का होगा।

रूस से भारत के होने वाले इस डिफेंस डील को लेकर अमेरिका बेहद नाराज है और पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अगर डील हुई तो भारत पर कड़ें प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ डील को लेकर कहा गया है कि इस सौदे के लिए वॉशिंगटन से विशेष छूट की मांग करेगा। हालांकि इस छूट को लेकर अमेरिका इस बात की गारंटी नहीं देता की भारत को यह छूट मिल ही जाएगी।

क्यों खास है एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस प्रणाली?

एस-400 एक विमान भेदी हथियार प्रणाली है जिसे पहले एस-300 के नाम से जाना जाता था। रूस ने अपने सैन्य खेमे में इसे अप्रैल 2007 में शामिल किया था। अभी किसी देश के पास ऐसी उन्नत एयर डिफेंस प्रणाली नहीं है। सैन्य खेमे में एस-400 के आने से एशिया में भारत का दबदबा पूरी तरह से कायम हो जाएगा।

यह एक ऐसी एयर डिफेंस प्रणाली है जो संभावित मिसाइल हमले की तुरंत जानकारी देता है और आवश्यकतानुसार यह दुश्मन की मिसाइल को भी मार गिराता है। भारत से पहले रूस ने अब तक सिर्फ चीन को एस-400 बेची है हालांकि विश्व के कई देश इस एयर डिफेंस प्रणाली को हासिल करने के होड़ में हैं।

इस मिसाइल सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे सभी तरह के एरियल टारगेट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ये 400 किमी की रेंज में और 10,000 फीट की ऊंचाई तक हमला कर सकता है। हवा में (एयरोडायनेमिक) लक्ष्यों के लिए रेंज- 3 किमी से 240 किमी है। जो पाकिस्तान जैसे देशों को आसानी से जद में ले लेगा।

मिसाइल सिस्टम की अधिकतम रफ्तार 4.8 किलोमीटर प्रति सेकंड तक है। 10,000 फीट की ऊंचाई तक निशाना साध सकता है। सबसे खास बात है कि इसकी तैनाती में मात्र 5 मिनट तक का समय लगता है। खास बात यह है कि एस-400 एक साथ 36 लक्ष्यों को अपना निशाना बना सकती है।

अगर अमेरिका के एमआईएम-104 से तुलना करें तो इसकी ताकत दोगुनी है। इसका मुख्य काम दुश्मनों के स्टील्थ विमान को हवा में उड़ा देना है। एस-400 की रूस की पुरानी एयर डिफेंस सिस्टम एस-300 का ही अपग्रेडेड वर्जन है जिसे अल्माज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ऑफ रूस के द्वारा तैयार किया जा रहा है। 

और पढ़ें : परमाणु हथियार रखने में भारत से अब भी आगे है पाक, अमेरिका और रूस के पास विश्व की 92 फीसदी हिस्सेदारी

एस-400 ट्रायफ्फ एयरक्राफ्ट, रोटरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल, गाइडेड मिसाइल, ड्रोन और बैलिस्टिक रॉकेट मिसाइल को 600 किलोमीटर की दूरी के रेंज तक पता लगा सकता है। यह एक साथ 300 लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है। हालांकि रूस 2020 तक एस-400 के अपग्रेडेड तकनीक पर काम कर रहा है और अनुमान है कि रूस 2020 तक एस-500 एयर डिफेंस प्रणाली अपने सैन्य खेमे में शामिल कर सकता है।

अमेरिका को क्यों है आपत्ति

अमेरिकी चुनावों में रूस के कथित हस्तक्षेप के कारण यूएसए ने उसके खिलाफ काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट (सीएएटीएसए कानून) के तहत प्रतिबंध लगाया है जिसमें रूस के रक्षा या खुफिया प्रतिष्ठानों से हथियारों की खरीद-फरोख्त पर तकनीकी रूप से प्रतिबंध लगाने का प्रवाधान है। यानी जो अमेरिका के दुश्मन देशों से हथियार खरीदेगा उस पर अमेरिका अपने नियमों के तहत प्रतिबंध लगाएगा।

इसके अलावा जो देश ऐसे प्रतिबंधों के बावजूद रूस से हथियार खरीदते हैं तो उसे अमेरिका से भी नई और अत्याधुनिक हथियारों की खरीद पर रोक लगाए जाने का प्रावधान है। ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच सैन्य रिश्तों में खटास आने की पूरी आशंका है।

बता दें कि अमेरिका और रूस विश्व की सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है। अमेरिका और रूस के पास पूरे विश्व का 92 फीसदी परमाणु हथियार है। अमेरिका के पास परमाणु हथियारों की संख्या 6,450 है वहीं रूस के पास 6,850 है। ऐसे में रणनीतिक और बाजार के कारण भी दोनों देशों के बीच हथियार और रक्षा प्रणाली को लेकर संघर्ष बना रहता है।

और पढ़ें : जानिये क्या है राफेल सौदा और इससे जुड़े वाद-विवाद...

दुनिया भर में जारी संघर्षों के बीच सभी देश अपनी जमीनी, समुद्री और हवाई आधारित मिसाइल सिस्टम का लगातार विस्तार कर रहे हैं ऐसे में यह एक चिंता का विषय भी है। पाकिस्तान परमाणु हथियार रखने के मामले में भारत से अब भी आगे है। जनवरी 2018 तक पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों की संख्या 140-150 है वहीं भारत के पास 130-140 परमाणु हथियार हैं।

Source : News Nation Bureau

S400 Air Defence Missile S400 air missile india russia defence deal
Advertisment
Advertisment