महाराष्ट्र में जारी सियासी ड्रामे के बीच देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने शनिवार सुबह 7.30 बजे राज्य के 28वें सीएम के तौर पर शपथ ली थी. उनका कार्यकाल सिर्फ 80 घंटे का रहा. शपथ ग्रहण करने चौथे दिन यानी 26 नवंबर को ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. देवेंद्र फडणवीस राज्य के सबसे कम समय तक सीएम रहे हैं. हालांकि, वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
इससे पहले महाराष्ट्र में सबसे कम समय मुख्यमंत्री रहने वाले नेता कांग्रेस के पीके सावंत भी हैं, जो आठ दिनों तक राज्य के सीएम रहे थे. उनका कार्यकाल 25 नवंबर 1963 से लेकर 4 दिसंबर 1963 तक का था. राज्य में सीएम का तीसरा सबसे कम कार्यकाल कांग्रेस के शिवाजी राव पाटिल के नाम था. शिवाजी राव पाटिल 276 दिन तक मुख्यमंत्री रहे. इनका कार्यकाल 3 जून 1985 से लेकर 6 मार्च 1986 तक ही रहा है.
राज्य में 52 साल के इतिहास में फडणवीस पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने 5 साल पद पर रहने के बाद दोबारा फिर से प्रदेश की कमान संभाली थी. हालांकि, इस दौरान राज्य में 11 दिन राष्ट्रपति शासन भी लगा रहा. पहली बार ऐसा करने की उपलब्धि कांग्रेस के वसंत राव नाइक के नाम है.
देवेंद्र फडणवीस 44 साल की उम्र में बने थे सीएम
देवेंद्र फडणवीस 2014 में राज्य के दूसरे सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे. तब वे 44 साल के थे. शरद पवार 38 साल की उम्र में सीएम बने थे. फडणवीस 21 साल की उम्र में पहली बार पार्षद चुने गए थे. वे 1997 में नागपुर से देश के दूसरे सबसे युवा मेयर बने थे. तब वे सिर्फ 27 साल के थे. देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधर राव एमएलसी थे और भाजपा नेता नितिन गडकरी के राजनीतिक गुरु थे.
आपातकाल के दौरान फडणवीस के पिता गंगाधर राव जेल गए थे. इमरजेंसी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लागू की थी, इसलिए फडणवीस ने स्थानीय इंदिरा कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने से मना कर दिया और सरस्वती विद्यालय में एडमिशन करा लिया. एक दोस्त के कहने पर देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में मॉडलिंग का काम शुरू किया. बाद में लॉ की पढ़ाई की, लेकिन प्रैक्टिस नहीं की. फिर बिजनेस मैनेजमेंट और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की पढ़ाई की.
वसंत राव दूसरा कार्यकाल पाने वाले पहले सीएम थे
देवेंद्र फडणवीस से पहले कांग्रेस के वसंतराव नाइक 5 साल पूरे करके लगातार दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री बने थे. वे पहले 1963 में मुख्यमंत्री बने. दूसरी बार उन्होंने 1967 में यह पद संभाला. वे तीसरी बार 13 मार्च 1972 को फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें पद से हटाकर शंकरराव चव्हाण को राज्य का सीएम बना दिया गया था. महाराष्ट्र में 1960 से 2014 तक 28 मुख्यमंत्रियों ने शपथ ली. इनमें 18 नेता अलग-अलग बार इस पद रहे.
मुख्यमंत्री का नाम | साल | समय | राज्य |
जगदंबिका पाल | 1998 | 24 घंटे (1 दिन तक) | उत्तर प्रदेश |
बीएस येदियुरप्पा (बीजेपी) | 2018 | 3 दिन | कर्नाटक |
देवेंद्र फडणवीस बीजेपी | 2019 | 3 दिन | महाराष्ट्र |
एस सी मराक | 1998 | 3 दिन | मेघालय |
ओम प्रकाश चौटाला | 1991 | 4 दिन | हरियाणा |
सतीश प्रसाद सिंह | 1968 | 5 दिन | बिहार |
ओम प्रकाश चौटाला | 1990 | 5 दिन | हरियाणा |
बीएस येदियुरप्पा (बीजेपी) | 2007 | 8 दिन | कर्नाटक |
शिबू सोरेन (झामुमो) | 2005 | 9 दिन | झारखंड |
जानकी रामचंद्रन | 1988 | 23 दिन | तमिलनाडु |
बी पी मंडल | 1968 | 31 दिन | बिहार |
सी एच मोहम्मद कोया | 1979 | 45 दिन | केरल |
1998 में 1 दिन यानी 24 घंटे के लिए जगदंबिका पाल मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, जगदंबिका पाल अपने नाम के आगे पूर्व मुख्यमंत्री नहीं लगा सकते हैं. इसके अलावा ही 2018 और 2007 में कर्नाटक के बीएस येदियुरप्पा क्रमश: तीन और 8 दिन, 1998 में मेघालय के एसपी मारक तीन दिन, 1991 और 1990 में हरियाणा के ओम प्रकाश चौटाला क्रमश: चार और 5 दिन, 1968 में बिहार के सतीश प्रसाद सिंह 5 दिन, 2005 में झारखंड के शिबू सोरेन 9 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो