केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों के बीच सुरक्षित और स्वस्थ डिजिटल आदतों को सुनिश्चित करने के लिए एक साइबर सुरक्षा पुस्तिका लॉन्च की है। इस मॉड्यूल में साइबर सुरक्षा जैसे सामाजिक बहिष्कार, धमकी, मानहानि, और भावनात्मक उत्पीड़न, ऑनलाइन यौन शोषण, साइबर कट्टरता, ऑनलाइन हमले और धोखाधड़ी, और ऑनलाइन प्रलोभन सहित साइबर सुरक्षा के अन्य विषय शामिल हैं। साइबर सुरक्षा पुस्तिका को ऑनलाइन देखा जा सकता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) ने विभिन्न वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप्स के बारे में सुरक्षा चिंताओं को संभालने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा विभाग के सभी सचिवों को ऑनलाइन कक्षाओं में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। यह दिशानिर्देश, साइबर सुरक्षा और गोपनीयता उपायों को सुनिश्चित करते हुए डिजिटल शिक्षा को लागू करने के लिए आवश्यकता मूल्यांकन, योजना और कदमों का वर्णन करते हैं।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण कई स्कूल और शिक्षण संस्थान लंबे समय से बंद है। ऐसे में छात्रों के समक्ष पढ़ाई का सबसे बड़ा विकल्प, ऑनलाइन शिक्षा ही है। इसलिए छात्र पहले के मुकाबले अब कई गुना अधिक समय ऑनलाइन रहकर बिताते हैं।
स्कूल कॉलेजों में दाखिले से लेकर असाइनमेंट, ऑनलाइन टेस्ट आदि के लिए छात्रों को नेट एवं ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में छात्रों को ऑनलाइन उत्पीड़न व धोखाधड़ी से बचाने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के अंतर्गत जहां छात्रों को ऑनलाइन उत्पीड़न से बचाव के तरीके बताए गए हैं, वहीं अभिभावकों एवं शिक्षकों के लिए भी आवश्यक दिशा निर्देश उपलब्ध कराए गए हैं।
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Source : IANS