पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से आम आदमी को आज शाम तक राहत मिलने की उम्मीद है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की आज तेल कंपनियों के साथ शाम में अहम बैठक होगी जिसके बाद संभावना जताई जा रही है कि पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती को लेकर सरकार कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। हालांकि अभी अटकलों का बाजार गर्म है कि केंद्र सरकार कितनी और कौन से रास्ते के जरिए ये राहत देगी।
वर्तमान में एक पेट्रोल-डीजल की कीमतों की बात करें तो राजधानी दिल्ली में अबी एक लीटर पेट्रोल के लिए लोगों को 76 रुपये 87 पैसे देने पड़ रहे हैं जबकि एक लीटर डीजल के लिए ग्राहकों को 68 रुपये 8 पैसे देने पड़ रहे हैं।
मुंबई में अगर पेट्रोल-डीजल के कीमत की बात करें तो वहां एक लीटर पेट्रोल के लिए लोगों को 84 रुपये 70 पैसे का मिल रहा है जबकि 1 लीटर डीजल के लिए 72 रुपये 48 पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि कर्नाटक में चुनाव परिणाम आने के बाद से ही पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और यह पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ चुका है। एक तरफ विपक्ष तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर पहले ही सरकार पर हमलावर है वहीं देश की आम जनता भी बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार से नाराज है।
दोबारा सब्सिडी शेयर पर बन सकती है बात
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के मुताबिक देश की सरकारी तेल कंपनियां ओनजीसी और ऑइल इंडिया लिमिटेड केंद्र सरकार से पेट्रोल-डीजल पर दिए जाने वाले सब्डिडी के बोझ को शेयर करने का सुझाव दे सकती है।
ओनएनजीसी और ओआईएल ने करीब 13 सालों अपने अंडर रिकवरी का 40 फीसदी हिस्सा सरकार से साझा किया। साल 2010 में सरकार ने पेट्रोल और 2014 में डीजलों की कीमतों को पूरी तरह से अपने नियंत्रण से मुक्त कर दिया जिसके बाद दाम तय करने का पूरा अधिकार कंपनियों को मिल गया था। इसी के बाद साल 2015 में कंपनियों पर से सब्सिडी शेयरिंग का बोझ भी सरकारी तेल कंपनियों से खत्म हो गया था।
केंद्र सरकार ने माना तेल की बढ़ती कीमतों से मध्यम वर्ग है परेशान
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को माना था कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से मध्यम वर्ग परेशान हुआ है। उन्होंने कहा था, 'मैं मानता हूं कि देशों के लोगों को खासतौर पर मध्यम वर्ग के लोगों पर पेट्रोल, डीजल की कीमतों को बुरा असर पड़ रहा है। भारत सरकार इसका हल निकालने के लिए जल्द ही कोई कदम उठाएगी।' हालांकि यह साफ नहीं किया कि सरकार कब राहत देगी।'
और पढ़ें: वेदांता कॉपर प्लांट के खिलाफ हिंसक हुआ विरोध-प्रदर्शन, 9 की मौत, 20 लोग घायल
क्यों बढ़ रहे हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
गौरतलब है कि बीते तीन दिनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है। अमेरिकी बैंक के दावे के मुताबिक कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है जिससे भारत पेट्रोल-डीजल के दामों में और बढ़ोतरी होने की आशंका है।
ऐसे में सरकार के पास एक रास्ता यह है कि एक्साइज ड्यूटी और कस्टम ड्यूटी को कम कर सरकार आम जनता को राहत दे सकती है। विपक्ष इसके लिए लगातार सरकार पर दबाव बना रही है।
और पढ़ें: पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर इंडियन ऑयल की मांग, जीएसटी के दायरे में लाए जाएं पेट्रोलियम उत्पाद
Source : News Nation Bureau