द्रविड मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने दक्षिण भारत के पांच राज्यों को मिलाकर 'द्रविडनाडु' बनाए जाने की मुहिम का समर्थन किया है। लेकिन दूसरी तरफ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के पूर्व नेता और आरके नगर से विधायक टीटीवी दिनाकरन ने कहा है कि इससे कुछ भी हासिल नहीं होगा।
स्टालिन के बयान पर दिनाकरन ने कहा, 'वो जो रास्त पकड़ रहे हैं इससे कुछ भी हासिल नहीं होगा। पहले उन्हें कावेरी विवाद पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इतने सालों में उन्होंने क्या किया जब वो सत्ता में थे। उन्हें अपने प्रभाव का इस्तेमाल इस विवाद को सुलझाने में करना चाहिए था। अब जो रास्ता ले रहे वो उन्हें कहीं नहीं पहुंचाएगा।'
जब स्टालिन से तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और पुडुचेरी को मिलाकर 'द्रविडनाडु' बनाए जाने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि यह होकर रहेगा।'
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न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इरोड में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'अगर ऐसा होता तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए और मेरा विश्वास है कि यह होकर रहेगा।'
'द्रविडनाडु' का विचार तमिल, मलयाली, तेलुगू और कन्नड़भाषी राज्यों को मिलाकर एक राज्य बनाने का है। यह विचार सबसे पहले ईवी रामास्वामी ने दिया था, जिन्हें पेरियार के नाम से जाना जाता है। पेरियार द्रविड़ आंदोलन के विचारक माने जाते हैं।
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Source : News Nation Bureau