Advertisment

मठ और संपत्ति बनी महंत नरेंद्र गिरि की मौत की वजह! जानें यहां

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के कथित तौर पर आत्महत्या करने की घटना ने कई सवालों को जन्म दिया है. आत्महत्या से भी कहीं अधिक उनके द्वारा छोड़े गए कथित सुसाइड नोट ने कुछ अनुत्तरित सवाल पीछे छोड़ दिए हैं.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
Narendra Giri

मठ और संपत्ति बनी महंत नरेंद्र गिरि की मौत की वजह!( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के कथित तौर पर आत्महत्या करने की घटना ने कई सवालों को जन्म दिया है. आत्महत्या से भी कहीं अधिक उनके द्वारा छोड़े गए कथित सुसाइड नोट ने कुछ अनुत्तरित सवाल पीछे छोड़ दिए हैं, जिनके उत्तर तलाशना जरूरी है. बुधवार सुबह 8 बजे महंत नरेंद्र गिरि का पोस्टमॉर्टम होगा, जबकि दोपहर 12 बजे बाघंबरी मठ में भू-समाधि दी जाएगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने महंत की रहस्यमयी मौत की जांच के लिए 18 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है. महंत रहस्यमयी मौत मामले में पुलिस सुसाइड नोट को ही आधार मान रही है. 

यह भी पढ़ें : नेपाल की देउवा सरकार ने दिया ओली को एक और झटका, भारत चीन सहित एक दर्जन देशों के राजदूत बर्खास्त

पुलिस ने सुसाइड नोट को ही आधार माना है. पुलिस इस सुसाइड नोट को खुला केस मान रही है और open and shut case है. महंत नरेंद्र गिरि के मौत मामले में पुलिस ने उनके शिष्य आनंद गिरि और लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि संदीप तिवारी अभी पुलिस हिरासत में है. हालांकि, आनंद गिरि पर अभी और तफ्तीश होगी. आस्ट्रेलिया केस को भी खोला जाएगा. मध्यस्थता में एक अधिकारी और दो नेताओं का नाम आया है, लेकिन अभी तक की जांच में उन सभी का कोई रोल नहीं आया है.

पूरा विवाद मठ और संपत्ति का है. आनंद गिरि के लिक किए ऑडियो के बाद से ही नरेंद्र गिरि ने ही आत्महत्या की सोची थी. जिस महिला का जिक्र आया है वो हरिद्वार में है. यूपी पुलिस वहां जल्द ही कैंप करेगी. महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट को लेकर अब कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. महंत नरेंद्र गिरि की भू-समाधि के मद्देनजर 22 सितंबर को प्रयागराज नगर क्षेत्र के 1 से 12 तक के सभी विद्यालय और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे. 

यह भी पढ़ें : कश्मीर में अब अलगाववाद फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे सरकारी कर्मचारी

पढ़ें नरेंद्र गिरि का पूरा सुसाइड नोट

मैं महंत नरेंद्र गिरि वैसे 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया. आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक-दो दिन में आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला की मेरी फोटो लगाकर के गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा तो मैंने सोचा कहां-कहां सफाई दूंगा. एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा. मैं जिस पद पर हूं वह एक का पद है. सच्चाई का तो लोगों को बाद में पता चल जाएगा, लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा, इसलिए मैं सुसाइड करने जा रहा हूं, जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी, संदीप तिवारी की होगी.
 
आज मेरा मन विचलित हो गया. हरिद्वार से सूचना मिली कि आनंद गिरि सीडी के माध्यम से लड़की के साथ गलत काम करते हुए बदनाम करेगा. आनंद गिरि का कहना है कि महाराज यानी मैं कहां तक सफाई देते रहेंगे. इससे अच्छा मर जाना ही ठीक है. आज मैं आत्महत्या कर रहा हूं. इसकी पूरी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी की होगी. वैसे मैं पहले ही आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पा रहा था. एक ऑडियो कैसेट मेरा आनंद गिरि ने जारी किया था, जिससे मेरी बदनामी हुई है. आज मैं हिम्मत हार गया और आत्महत्या कर रहा हूं. 25 लाख रुपये आदित्य मिश्रा से व 25 लाख रुपये शैलेंद्र सिंह से रियल स्टेट से मांगना है.

मैं महंत नरेंद्र गिरि बाघमबारी गद्दी बड़े हनुमान मंदिर लेटे हनुमान जी वर्तमान में अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अपने होशोहवास में बगैर किसी दबाव में पत्र लिख रहा हूं कि जबसे आनंद गिरि ने मेरे ऊपर असत्य, मिथ्या व मनगढ़ंत आरोप लगाया तबसे मैं मानसिक दबाव में जी रहा हूं. जब भी मैं एकांत में रहता हूं मर जाने की इच्छा होती है. आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी, उनका लड़का संदीप तिवारी ने मिलकर मेरे साथ विश्वासघात किए. जब भी मैं एकांत में रहता हूं मेरी मर जाने की इच्छा होती है. मुझे जान से मारने का प्रयास किया. सोशल मीडिया, फेसबुक एवं समाचार पत्रों में आनंद गिरि ने मेरे चरित्र की ओर मनगढ़ंत आरोप लगाए. मैं मरने जा रहा हूं. सत्य बोलूंगा, मेरा घर से कोई संबंध नहीं है. मैं एक भी पैसा घर पर नहीं दिया. मैंने एक-एक रुपया मंदिर मठ में लगाया. 2004 में मैं महंत बना. 2004 से अभी जो भी मंदिर का विकास किया सभी भक्त जानते हैं.

आनंद गिरी द्वारा जो भी आरोप लगाया गया उससे मेरी और जो मठ-मंदिर की बदनामी हुई इससे मैं बहुत आहत हूं. मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. मेरे मरने की संपूर्ण जिम्मेदारी आनंद गिरी, आजा प्रसाद तिवारी जो मंदिर के पुजारी हैं तथा आद्या प्रसाद तिवारी के बेटे संदीप तिवारी की होगी. आनंद गिरि ने मुझे गलत तरीके से बदनाम किया. बलवीर गिरि मेरी समाधि पार्क में नींबू के पेड़ के पास दिया जाए. यही मेरी अंतिम इच्छा है. धनंजय विद्यार्थी मेरे कमरे की चाबी बलवीर गिरि महाराज को देना. बलवीर गिरि एवं पंच परमेश्वर निवेदन कर रहा हूं. मेरी समाधि पार्क में नींबू के पेड़ के पास लगा देना.
 
प्रिय बलवीर गिरि, ओम नमो नारायण मैं तुम्हारे नाम एक वसीयत की है, जिसमें मेरे ब्रह्मलीन हो जाने के बाद तुम बड़े हनुमान मंदिर एवं मठ बाघमबारी गद्दी का महंत बनोगे. तुमसे मेरा एक अनुरोध है कि मेरी सेवा में लगे विद्यार्थी जैसे मिथिलेश पांडे, रामकृष्ण पांडे, मनीष शुक्ला, विवेक कुमार मिश्रा, अभिषेक कुमार, उज्जवल त्रिवेदी, उज्जवल द्विवेदी, अभय द्विवेदी, निर्भय द्विवेदी, सुमित तिवारी का ध्यान देना. जिस तरह से मेरे समय में रह रहे, उसी तरह से रहें. इन सभी का ध्यान देना. उपरोक्त सभी जिसका मैंने नाम लिया है तुम लोग भी हमेशा बलवीर गिरि महाराज का सम्मान करना.

जिस तरह से हमेशा से सेवा एवं मठ की सेवा किए उसी तरह से बलवीर गिरि जी महाराज एवं मठ मंदिर की सेवा करना. वैसे हमें सभी विद्यार्थी प्रिय हैं लेकिन मनीष शुक्ला, विवेक मिश्रा, अभिषेक मिश्रा मेरे अति प्रिय हैं. कोरोना काल में जब से मुझे कोरोना हुआ मेरी सेवा सुमित तिवारी ने की. मंदिर में माला फूल की दुकान मैंने सुमित तिवारी को किरायानामा रजिस्टर किया है. मिथिलेश पांडे को इंपोरियम की दुकान किराए पर दी है. मनीष शुक्ला, विवेक मिश्रा, अभिषेक मिश्रा को लड्डू की दुकान किराए पर दी है.
 
नरेंद्र गिरी

HIGHLIGHTS

  • महंत के सुसाइड नोट को खुला केस मान रही पुलिस 
  • बुधवार सुबह 8 बजे महंत नरेंद्र गिरि का पोस्टमॉर्टम होगा
  • दोपहर 12 बजे बाघंबरी मठ में भू-समाधि दी जाएगी
Narendra Giri Mahant Suicide note Narendra Giri Suicide note Mahant Narendra Giri death Suicide note Narendra Giri death Suicide note narendra giri death Mahant Narendra giri mahant narendra giri death
Advertisment
Advertisment