असम के गुवाहाटी में एक दिव्यांग को लोगों ने इसलिए 'पाकिस्तानी' करार दिया और गालियां दी क्योंकि वह सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के दौरान खड़ा नहीं हो सके।
एक गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) के डायरेक्टर अरमान अली ने दावा किया कि वह एक मल्टीपलेक्स में सिनेमा देखने गये जहां लोगों ने उनके साथ बदतमीजी की गई। उन्होंने कहा, 'मैं बैठकर राष्ट्रगान गा रहा था। तभी मैंने कुछ कमेंट सुना। वह मुझे पाकिस्तानी कह रहे थे।'
अरमान अली ने कहा, 'मैं पूरी घटना के बारे में चीफ जस्टिस को पत्र लिखूंगा और मेरे जैसे लोगों की दुर्दशा के बारे में बतलाऊंगा।'
अरमान ने कहा, 'जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो उनके चेहरे पर बेहद संतुष्टि के भाव थे। किसी के लिए भी पाकिस्तानी शब्द का इस्तेमाल कर देना कितना आसान है, जबकि आप जानते भी नहीं कि वो पाकिस्तानी अपने पैरों पर खड़ा भी हो सकता है या नहीं। शायद उनकी देशभक्ति मेरे राष्ट्रगान के दौरान खड़े न होने पर कमेंट करके पूरी हो गई होगी।'
और पढ़ें: जब ईमानदारी के लिये शास्त्री जी ने खुद के बेटे का प्रमोशन किया रद्द!
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में निर्देश दिया था कि देश भर के सिनेमाघरों में कोई फिल्म चलाने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा और हाल में उपस्थित सभी लोगों को उसके सम्मान में खड़े होना होगा।
Source : News Nation Bureau