मध्य प्रदेश के सियासी संकट को लेकर दिल्ली से लेकर बेंगलुरू तक घमासान मचा हुआ है. सरकार बचाने और गिराने को लेकर जहां भोपाल में बैठकों और रणनीति बनाई जा रही है, वहीं बेंगलुरू में बागी विधायकों को मनाने के लिए पहुंचे दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को वहां हिरासत में ले लिया गया है. दिग्विजय सिंह होटल रमाडा के बाहर धरने पर बैठ गए थे. पुलिस ने धरने की अनुमति न होने की बात कहते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया. उनके साथ कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) भी मौजूद रहे. डीके शिवकुमार ने कहा, बीजेपी सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है. हमारी अपनी राजनीतिक रणनीति है, हम जानते हैं कि हालात को कैसे संभालना है. दिग्विजय सिंह को लेकर शिवकुमार बोले, 'वे यहां अकेले नहीं हैं. मैं यहां हूं और मुझे पता है कि उन्हें कैसे सपोर्ट करना है. मैं कर्नाटक में कानून और व्यवस्था की स्थिति नहीं बनाना चाहता.'
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कांग्रेस नेता दिग्जिवय सिंह बेंगलुरु में मौजूद विधायकों से मिलने पहुंचे. लेकिन उन्हें विधायकों से मिलने नहीं दिया गया. इसके बाद वो होटल के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. दिग्विजय सिंह के साथ कांतिलाल भूरिया और तरुण भनोत सहित कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डीके श्रीवास्तव भी है. इस बीच दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं कांग्रेस की ओर से राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी हूं. ये कांग्रेस विधायक मेरे वोटर हैं और इनसे मुझे मिलने नहीं दिया जा रहा. भाजपा ने इन्हें यहां बंधक बना रखा है. पुलिस मुझे यह बता रही है कि उन विधायकों को मुझसे खतरा है.
इधर, मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर आज पूर्वाह्न 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. कोर्ट ने इस मामले में कमलनाथ सरकार, विधानसभा अध्यक्ष और सचिव को नोटिस देकर जवाब मांगा है. सभी की निगाहें इसी तरफ है कि आज मध्य प्रदेश सरकार द्वारा क्या पक्ष रखा जाता है. इसके बाद फ्लोर टेस्ट को लेकर क्या निर्णय लिया जाता है.
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उधर, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. कांग्रेस ने याचिका में कहा है कि उन्हें बेंगलुरु में भाजपा सरकार की ओर से बंदी बनाकर रखे गए विधायकों से संपर्क करने दिया जाए. इस याचिका पर भी आज सुनवाई होना है. विधानसभा अध्यक्ष ने बेंगलुरु में मौजूद विधायकों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखा है. राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार द्वारा किए जा रहे नियुक्तिों और तबादलों की फाइल रोक दी है. भाजपा द्वारा इस मामले में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर कहा गया था कि सरकार अल्पमत में हैं, ऐसे में यह नियुक्तियां अवैध हैं.
(With IANS Inputs)
Source : News Nation Bureau