टी वी दिनाकरन ने कहा- एआईएडीएमके सरकार 2-3 महीने की मेहमान है

तमिलनाडु में आर के नगर विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करा चुके टी. टी. वी. दिनाकरन ने शुक्रवार को दावा किया कि अगले साल फरवरी-मार्च के दौरान बजट सत्र के दौरान प्रदेश में एआईएडीएमके सरकार का भविष्य तय हो जाएगा।

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sankalp thakur
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टी वी दिनाकरन ने कहा- एआईएडीएमके सरकार 2-3 महीने की मेहमान है
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तमिलनाडु में आर के नगर विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करा चुके टी. टी. वी. दिनाकरन ने शुक्रवार को दावा किया कि अगले साल फरवरी-मार्च के दौरान बजट सत्र के दौरान प्रदेश में एआईएडीएमके सरकार का भविष्य तय हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ज्यादा से ज्यादा दो-तीन महीने की मेहमान है। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद यह सीट रिक्त हुई थी, जिसपर हुए उपचुनाव में दिनाकरन बतौर निर्दलीय उम्मीदवार भारी मतों से विजयी हुए हैं। दिनाकरन को विधानसभाध्यक्ष पी धनपाल ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ दिलाई।

बाद में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनको समर्थन देने वाले 18 विधायकों को अयोग्य करार देने के खिलाफ दायर मामले में उच्च न्यायालय का आदेश जनवरी के अंत तक आ जाएगा, जिसके बाद फरवरी या मार्च में शक्ति परीक्षण होगा।

दिनाकरन का दावा है कि सत्ताधारी एआईएडीएमके के अधिकांश विधायकों का उनको समर्थन प्राप्त है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा, 'शक्ति परीक्षण के दौरान हमारे स्लीपर सेल काम करेंगे। ज्यादा से ज्यादा दो-तीन महीने वे सत्ता में रहेंगे। अगर सत्ता में बने रहना है तो इन पांच-छह लोगों को पश्चाताप करते हुए दूसरों को जगह देनी चाहिए। बाकी लोग हमारे साथ होंगे।'

उन्होंने कहा कि जन विरोधी व विश्वासघाती सरकार के शासन का अंत होगा।

मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम एवं कुछ मंत्रियों की आलोचना करते हुए उन्होंने खुद को 'असली एआईएडीएमके' का प्रतिनिधि बताया और कहा कि पार्टी का काडर जेल में सजा भुगत रहीं नेता वी. के. शशिकला की अगुवाई में उनके साथ है।

दिनाकरन ने कहा कि उन्होंने दिवंगत नेता जयललिता के नाम पर लोगों से वोट मांगे थे और उनके अच्छे कार्यो को जारी रखने के लिए उन्हें भारी जनादेश मिला।

उन्होंने कहा कि 'निजी स्वार्थ' के लिए काम करने वाले पांच-छह लोग हैं, जिन्होंने 'विश्वासघात' किया है और 'उत्तर' से मिले समर्थन से सत्ता पर काबिज हैं। यहां दिनाकरन का सीधा इशारा भाजपा की ओर था। उन्होंने कहा कि ये लोग केंद्र के दास बने हुए हैं।

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सत्ताधारी अन्नाद्रमुक पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, 'वे (बीजेपी) आपको चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम दिला सकते हैं, लेकिन जनता से वोट नहीं दिला सकते।'

उन्होंने कहा कि ये पांच-छह नेता 'आत्मावलोकन कर अपने आप को सुधारें' अन्यथा जनता उनको बदल देगी। शशिकला और खुद को पार्टी से निकाले जाने के संदर्भ में दिनाकरन ने कहा, 'विश्वासघात से आपको कभी जीत नहीं मिलेगी। आपने उस सीढ़ी को लात मारी है, जिसपर चढ़कर आप सत्ता में आए हैं।'

दिनाकरन ने अन्नाद्रमुक द्वारा उनके समर्थकों को पार्टी से निकाले जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'आपको पार्टी के 1.5 करोड़ काडर को पार्टी से निकालना होगा और दूसरे कैंप में सिर्फ पांच-छह लोग रह जाएंगे। आप पार्टी से निकाले जाने का भय दिखाकर लोगों को आतंकित नहीं कर सकते।'

उन्होंने कहा कि वह अहंकार में नहीं बोल रहे हैं, क्योंकि वह जीतकर आए हैं। इसलिए वह जनता की राय जाहिर कर रहे हैं।

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Source : IANS

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