मध्य प्रदेश कांग्रेस सेवादल की तरफ से स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को लेकर बांटी गई किताब पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किताब में सावरकर औऱ महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के संबंधों पर विवादित टिप्पणी की गई है. महाराष्ट में कांग्रेस पार्टी के सहयोगी शिवसेना ने भी चुप्पी तोड़ते हुए इसे सावकर का अपमान बताया है. उन्होंने कहा, 'जो उनकी आलोचना करते है, उनके दिमाग में गंदगी भरी हुई है.' शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'जो लोग सावरकर जी के बारे में ऐसी बातें बोल रहे हैं उनके दिमाग की जांच की जानी चाहिए. उनका दिमाग गंदगी से भरा हुआ है.' उन्होंने आगे कहा, 'शिवसेना का पक्ष पूरी तरह से साफ है वीर सावरकर महान थे और रहेंगे.'
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राउत ने कहा, 'जो भी किताब छपी है वो मध्य प्रदेश की गंदगी है, ये कभी भी महाराष्ट्र में नहीं आएगी.' दूसरी तरफ हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि ने इसे बेहूदा बताया और साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला.
बीजेपी के राज्य अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने 'विकृत सामग्री' के लिए कांग्रेस से माफी मांगने को कहा है. उन्होंने कहा, 'वीर सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या के मामले में अदालतों द्वारा बरी कर दिया गया था, हालांकि, कांग्रेस उन्हें और दोषी (गोडसे) को जोड़ने की कोशिश कर रही है.'
विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'वीर सावरकर के खिलाफ इस तरह की गंदी टिप्पणियों को स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे कभी बर्दाशत नहीं करते.' फडणवीस ने कहा, 'यदि वह होते तो वह पहले व्यक्ति होते जो इस पर प्रतिक्रिया देते और वह भी अपने स्टाइल में. हालांकि, आज हम इसकी उम्मीद नहीं कर सकते हैं. हमारी मांग है कि इस पुस्तिका पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए.' उन्होंने इस मुद्दे पर शिवसेना से जवाब भी मांगा है.
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वहीं सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा है 'महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चाहिए कि वह विवादास्पद संदर्भो को प्रकाशित करने के लिए कांग्रेस पार्टी, उसके पूर्व प्रमुख राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराएं, जबकि मध्य प्रदेश सरकार को किताब पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.'
Source : News Nation Bureau