भ्रष्ट कर्मचारियों की अब खैर नहीं, सीवीसी ने कानूनी के साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की

केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के खिलाफ अदालत में चल रहे मामले के साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।

author-image
kunal kaushal
एडिट
New Update
भ्रष्ट कर्मचारियों की अब खैर नहीं, सीवीसी ने कानूनी के साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की

केंद्रीय सतर्कता आयोग (फाइल फोटो)

Advertisment

केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के खिलाफ अदालत में चल रहे मामले के साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। मामले की जांच पड़ताल के दौरान आयोग को पता चला कि विभागों या संगठनों की ओर से अभियोजन की कार्यवाही और विभागीय कार्रवाई साथ साथ चलाया जाना इस आधार पर अनावश्यक रूप से विलंबित किया जाता है कि मामला अदालत में लंबित है।

आयोग ने बैंकों, बीमा कंपनियों और अन्य केंद्रीय सरकारी संगठनों को हाल में जारी निर्देश में कहा, 'अनुशासनात्मक मामलों को अंतिम रूप देने में ऐसा रूख गंभीर चिंता का विषय हैं और साथ ही यह सही रूख नहीं है।’

सीवीसी ने कहा कि किसी भी संगठन के अनुशासनात्मक प्राधिकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपराधिक सुनवायी का सामना कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ साथ साथ विभागीय कार्रवाई भी की जाए। सीवीसी ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का उल्लेख करते हुए कहा, ‘आपराधिक और विभागीय कार्रवाई साथ साथ करने में कोई रोक नहीं है।

उसने कहा कि सक्षम प्राधिकार द्वारा इस बारे में राय उसी समय बनायी जानी चाहिए जब अभियोजन के लिए मंजूरी के अनुरोध पर विचार किया जाता है। सीवीसी ने कहा, ‘आयोग सभी संबंधित प्रशासनिक प्राधिकारियों को सलाह देता है कि ऐसे मामलों जिनमें आपराधिक अभियोजन के साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करना उचित है, अनुशासनात्कक कार्रवाई साथ ही में शुरू की जानी चाहिए।’

Source : News Nation Bureau

Supreme Court banks central vigilance commission
Advertisment
Advertisment
Advertisment