केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने नाथूराम गोडसे के बयान और महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े अन्य रेकॉर्ड का नेशनल आर्काइव की वेब साइट पर 'तुरंत सार्वजनिक' करने का निर्देश दिया है।
सूचना आयुक्त श्री धर आचार्यलू ने कहा, "नाथूराम गोडसे और उसके सहयोगी से कोई असहमत हो सकता है, लेकिन हम गोडसे के विचारों और मत का खुलासा या सार्वजनिक करने से इनकार नहीं कर सकते। "
सूचना आयुक्त ने नेशनल आर्काइव्ज ऑफ इंडिया को आदेश दिया है कि वह आवेदक को महात्मा गांधी मर्डर केस की चार्जशीट और गोडसे के बयान की प्रमाणित प्रति 20 दिन के भीतर उपलब्ध कराए।
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अपने आदेश में आचार्यलू ने कहा है, "इसी तरह से न तो नाथूराम गोडसे और न ही उसके जैसी सोच या विचार रखने वाला, ऐसे किसी व्यक्ति की हत्या करने की हद तक जा सकता है जिसके विचारों और दर्शन से वो सहमत न हो।"
दक्षिणपंथी विचारधारा वाले गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी। याचिका दायर करने वाले आशुतोष बंसल ने दिल्ली पुलिस से इस महात्मा गांधी हत्याकांड से जुड़े चार्जशीट और गोडसे के बयान समेत अन्य जानकारियां मांगी हैं।
नेशनल आर्काइव्ज ऑफ इंडिया ने बंसल से कहा कि वह रेकॉर्ड देखकर खुद ही सूचनाएं प्राप्त कर लें। लेकिन बंसल को इस संबंध में कोई रेकॉर्ड नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग में अपील की।
आचार्यलू ने अपने आदेश में कहा है, " कमीशन नेशनल आर्काइव को यह निर्देश भी देता है कि महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित अभी तक जो भी रेकॉर्ड उपलब्ध हैं उन्हें सूचीबद्ध किया जाए। साथ ही उसे किस तरह से देखा जा सकते है उसकी प्रक्रिया भी बताएं। इसके अलावा यह सुझाव भी देता है कि वो डिजिटल आर्काइव विकसित करे जिसमें अभी तक के रेकॉर्ड हो और इस संबंध में विभिन्न स्रोतों से ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठी करने की भी कोशिश करे। जो सेक्शन 4(1)(b) के तहत हो।"
सूचना आयुक्त ने नेशनल आर्काइव्ज ऑफ इंडिया को आदेश दिया है कि वह आवेदक को महात्मा गांधी मर्डर केस की चार्जशीट और गोडसे के बयान की प्रमाणित प्रति 20 दिन के भीतर उपलब्ध कराए।
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Source : News Nation Bureau