‘ग्रेटा टूलकिट’ (Greta Toolkit) मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी की आलोचना करने वालों की पूर्व अधिकारियों और पूर्व जजों ने निंदा की है. न्यायपालिका और लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों के पूर्व सदस्यों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) को एक पत्र लिखा है. इसमें आरोप लगाया है कि ‘निहित स्वार्थ’ वाले लोग अपनी राष्ट्र विरोधी हरकतों को छिपाने के लिए ऐसा कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) पर कीचड़ उछाल रहे हैं. पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना यह स्पष्ट तौर पर साबित होता है कि ‘टूलकिट’ दस्तावेज के तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) से जुड़े हुए हैं.
राष्ट्रपति को 47 लोगों ने लिखा पत्र
राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 47 लोगों में राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी. एस. कोकजे, दिल्ली और पटना हाई कोर्टों के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस राजेंद्र मेनन, पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी. सी. डोगरा, सीबीआई के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव और केरल के पूर्व डीजीपी आर. पद्मनाभन शामिल हैं. इन हस्तियों ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि दिल्ली पुलिस को निहित स्वार्थ वाले लोगों के गैर-वाजिब दबाव के बगैर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से मामले की जांच करने दिया जाए. इसके अलावा भारत में और विदेश में अलगावावादी ताकतों के हाथों की कठपुतली बने लोागें को न्याय के दायरे में लाने दिया जाए.
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तीन दिन की न्यायिक हिरासत में दिशा रवि
दिल्ली की एक अदालत ने किसान प्रदर्शन से संबंधित टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को शुक्रवार को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. दिल्ली पुलिस ने पांच दिन की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद रवि को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेजा गया. आज दिल्ली की पाटियाला हाउस अदालत में दिशा की जमानत पर सुनवाई होनी है.
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ग्रेटा थनबर्ग ने फिर किया दिशा का समर्थन
इस बीच जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा रवि का समर्थन करते हुए कहा कि लोकतंत्र का मूल हिस्सा बोलने की आजादी होना चाहिए. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- बोलने की आजादी, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और जनसभा करना मानवाधिकार है. ये किसी लोकतंत्र का मूल हिस्सा होना चाहिए. स्वीडन की रहने वाली एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने फ्राइडेज फॉर फ्यूचर के एक ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए यह बात लिखी है, जिसमें उन्होंने #StandWithDishaRavi हैशटैग किया है. अगस्त 2018 में ग्रेटा थनबर्ग ने इस संगठन की स्थापना की थी, जब वह महज 15 साल की थीं.
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दिल्ली पुलिस को लगातार मिल रहे सुराग
वहीं, टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस को लगातार बड़े सुराग हाथ लग रहे हैं. इस पूरे मामले में आरोपी दिशा रवि ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी देकर मांग की थी कि जांच से जुड़े मटेरियल मीडिया के साथ शेयर न किए जाएं. इसके साथ ही दिशा ने ये भी मांग की थी कि कोर्ट मीडिया संस्थानों पर उसके वॉट्सऐप चैट को प्रकाशित या प्रसारित करने से रोक लगाए. दिशा रवि की इसी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. कोर्ट ने मामले की सुनवाई में दिशा को झटका देते हुए मीडिया को मामले से जुड़ी कुछ अहम बातें ध्यान में रखने के आदेश दिए हैं.
HIGHLIGHTS
- दिशा रवि के पक्ष में बोल रहे लोगों के खिलाफ नया मोर्चा
- राष्ट्रपति को रिटायर्ड जजों और अधिकारियों ने लिखा पत्र
- कहा-निहित स्वार्थ छिपाने औऱ दिल्ली पुलिस को कर रहे बदनाम