संघ प्रमुख के 'आरक्षण पर चर्चा' वाले बयान पर सियासत तेज, देनी पड़ी सफाई

संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) के 'आरक्षण पर चर्चा' वाले बयान पर सियासत तेज हो गई है. बसपा (BSP) और कांग्रेस (Congress) ने आरएसएस को आरक्षण विरोधी करार देते हुए जमकर हमला बोला है.

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Drigraj Madheshia
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संघ प्रमुख के 'आरक्षण पर चर्चा' वाले बयान पर सियासत तेज, देनी पड़ी सफाई

संघ प्रमुख मोहन भागवत (Twitter)

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संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) के 'आरक्षण पर चर्चा' वाले बयान पर सियासत तेज हो गई है. बसपा (BSP) और कांग्रेस (Congress) ने आरएसएस को आरक्षण विरोधी करार देते हुए जमकर हमला बोला है. वहीं अपने ऊपर सियासी तीरों की बौछार के बाद आरएसएस ने सफाई दी है. आरएसएस का कहना है कि सरसंघचालक के बयान पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि जहां तक संघ का आरक्षण के विषय पर मत है, वह अनेक बार स्पष्ट किया जा चुका है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और आर्थिक आधार पर पिछड़ों के आरक्षण का संघ पूर्ण समर्थन करता है.

बता दें दिल्ली के एक कार्यक्रम में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा था कि उन्होंने पहले भी आरक्षण पर बात की थी, लेकिन इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई. उन्होंने कहा, 'आरक्षण का पक्ष लेने वालों को उन लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए जो इसके खिलाफ हैं और इसी तरह से इसका विरोध करने वालों को इसका समर्थन करने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए.'

इसको लेकर बीएसपी सुप्रीमो और कांग्रेस (Congress) ने इसे लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. यही नहीं बीजेपी की सहयोगी आरपीआई के प्रमुख रामदास अठावले ने भी आरक्षण को नहीं छूने की सलाह दी है. वहीं संघ की ओर से सफाई देते हुए आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने ट्विटर पर जारी बयान में कहा, 'समाज में सदभावना पूर्वक परस्पर बातचीत के आधार पर सब प्रश्नों के समाधान का महत्व बताते हुए आरक्षण जैसे संवेदनशील विषय पर विचार व्यक्त करने का आह्वान किया था.' अरुण कुमार ने कहा कि जहां तक संघ का आरक्षण के विषय पर मत है, वह अनेक बार स्पष्ट किया जा चुका है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और आर्थिक आधार पर पिछड़ों के आरक्षण का संघ पूर्ण समर्थन करता है.

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मायावती ने दी नसीहत
मायावती ने ट्वीट में लिखा, 'आरएसएस का एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण के सम्बंध में यह कहना कि इसपर खुले दिल से बहस होनी चाहिए, संदेह की घातक स्थिति पैदा करता है, जिसकी कोई जरूरत नहीं है. आरक्षण मानवतावादी संवैधानिक व्यवस्था है जिससे छेड़छाड़ अनुचित व अन्याय है. संघ अपनी आरक्षण-विरोधी मानसिकता त्याग दे तो बेहतर है.'

कांग्रेस (Congress) भी हमलावर

कांग्रेस (Congress) के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'गरीबों के अधिकारों पर हमला, संविधान सम्मत अधिकारों को कुचलना, दलितों-पिछड़ों के अधिकार को ले लेना, यही बीजेपी का एजेंडा है. इस बयान से आरएसएस और बीजेपी का दलित-पिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर हुआ है.'

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वहीं बीजेपी के प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने कहा है कि गुलाम नबी इस तरह का बयान देकर गलतफहमी पैदा न करें, अब 370 बदलने वाला नहीं है. मोहन भागवत और संघ आरक्षण का समर्थक है और बार बार ये बात संघ की तरफ से कहा भी गया है, लेकिन बहस की बात उन्होंने किया है तो गलत क्या है.

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