नाबालिग लड़की के साथ रेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे स्वंयभू संत आसाराम को जोधपुर जिला पैरोल समिति ने एक बार फिर झटका दिया है. आसाराम की 20 दिनों की पैरोल याचिका एक बार फिर से खारिज कर दी गई है. इससे पहले राजस्थान हाई कोर्ट ने भी 19 दिसंबर 2018 को 20 दिनों की पैरोल याचिका खारिज की थी. वहीं नवंबर 2018 में जोधपुर जिला पैरोल समिति ने आसाराम की 20 दिनों की पैरोल याचिका खारिज की थी.
बता दें कि पिछले साल अप्रैल में जोधपुर की अदालत ने आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. आसाराम अपनी स्वभाविक मृत्यु तक जेल में ही रहेंगे. अदालत ने आसाराम आश्रम की वार्डन शिल्पी और उनके सहयोगी शरद को भी 20-20 साल कैद की सजा सुनाई थी.
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी द्वारा दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने के बाद 2013 में आसाराम को गिरफ्तार किया गया था। किशोरी ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के बाहरी इलाके के मनई गांव स्थित अपने आश्रम में 15 अगस्त, 2013 को उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम आश्रम में 12वीं कक्षा की छात्रा थी.
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आसाराम गुजरात में दायर यौन उत्पीड़न के एक अन्य मामले का भी सामना कर रहे हैं. आसाराम और उसके बेटे नारायण साई पर गुजरात के सूरत में दो बहनों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है. बड़ी बहन ने आसाराम पर 1997 और 2006 में अहमदाबाद स्थित मोटेरा आश्रम में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया जबकि छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साई पर यही आरोप लगाए थे.
Source : News Nation Bureau