Diwali 2021: उच्चतम न्यायालय ने कोरोना महामारी के बीच वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिवाली सहित अन्य त्योहारो पर पटाखों पर प्रतिबंद लगाने के आदेश को रद्द कर दिया है. न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की विशेष पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने की संभावनाएं भी तलाशने के लिए कहा कि प्रतिबंधित पटाखों और उससे संबंधित सामान का राज्य में प्रवेश केंद्र पर ही आयात नहीं हो. उच्च न्यायालय ने कहा था, राज्य यह सुनिश्चित करें कि इस साल काली पूजा, दिवाली के साथ-साथ छठ पूजा, जगद्धात्री पूजा, गुरू नानक जयंती और क्रिसमस और नववर्ष की पूर्व संध्या के दौरान किसी भी तरह के पटाखे नहीं जलाए जाएं, उसने कहा था कि इन अवसरों पर केवल मोम या तेल के दीयों का ही इस्मेमाल किया जाए.
हरित पटाखे जलाने की छूट
पीठ दिवाली के अवकाश के दौरान इस मामले पर सुनवाई के लिए बैठी है. वह उच्च न्यायालय के 29 अक्टूबर के उस फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उसने राज्य में सभी तरह के पटाखों की बिक्री, इस्तेमाल और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था. याचिका में दावा किया गया था कि 29 अक्टूबर को उच्च न्यायालय द्वारा पूरे पश्चिम बंगाल में पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगाने का पारित आदेश त्रृटिपूर्ण है.
उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों की अनुमति सीमा में हरित पटाखे जलाने की छूट दी है. पश्चिम बंगाल के पटाखा संघ और ऐसे ही एक अन्य समूह ने कहा, उच्च न्यायालय ने इस तथ्य को नजरअंदाज किया है कि हरित पटाखों से 30 प्रतिशत तक कम उत्सर्जन होता है. साथ ही जिसे स्थानीय बाजार में उतारा गया है. ये पटाखे पर्यावरण अनुकूल हैं. इसलिए पूरे देश में कहीं भी हरित पटाखे जलाए जा सकते हैं. हां प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर प्रतिबंद रहेगा
HIGHLIGHTS
- कोरोना महामारी के बीच वायु प्रदूषण को लेकर पटाखों पर बैन लगाने का था आदेश
- कोलकाता कोर्ट ने दिवाली सहित काली पूजा आदि त्योहारों पर पटाखे पर लगाय़ा था बैन
- सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को रद्द करते हुए सुनाया ये फैसला
Source : News Nation Bureau