द्रविड मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने दक्षिण भारत के पांच राज्यों को मिलाकर 'द्रविडनाडु' बनाए जाने की मुहिम का समर्थन किया है।
जब उनसे तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और पुडुचेरी को मिलाकर 'द्रविडनाडु' बनाए जाने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि यह होकर रहेगा।'
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इरोड में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'अगर ऐसा होता तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए और मेरा विश्वास है कि यह होकर रहेगा।'
इस दौरान स्टालिन ने एआईएडीएमके के नेता और तमिनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीसामी को खत लिखकर कहा है कि उन्हें टीडीपी (तेलुगू देशम पार्टी) के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए।
एआईएडीएमके लोकसभा में बीजेपी और कांग्रेस के बाद तीसरी बड़ी पार्टी है। हालांकि पार्टी ने अभी तक अवविश्वास प्रस्ताव को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर टीडीपी संसद में एनडीए की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही है। टीडीपी पहले एनडीए में शामिल थी, लेकिन इस मुद्दे को लेकर अब वह गठबंधन से अलग हो चुकी है।
'द्रविडनाडु' का विचार तमिल, मलयाली, तेलुगू और कन्नड़भाषी राज्यों को मिलाकर एक राज्य बनाने का है। यह विचार सबसे पहले ईवी रामास्वामी ने दिया था, जिन्हें पेरियार के नाम से जाना जाता है।
पेरियार द्रविड़ आंदोलन के विचारक माने जाते हैं।
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Source : News Nation Bureau