तमिलनाडु के सीएम ई पलानीसामी के विश्वास मत के खिलाफ DMK की याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट ने सुनवाई सोमवार तक टाल दी है। साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई में याचिकाकर्ता को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान हुए हंगामे का वीडियो भी जमा कराने को कहा है।
डीएमके की ओर से वकील के. बालू ने मीडिया को बताया कि उनकी ओर से कोर्ट में यह साबित किया जा चुका है कि AIADMK के विधायकों को 11 दिनों तक गोल्डन बे रिजॉर्ट में जबरन रखा गया था और इनमें से कई विधायको ने बंधक किए जाने संबधी शिकायत भी की थी।
दूसरी ओर, सीनियर AIADMK नेता पनरुति रामचंद्रन ने मीडिया से कहा कि संसद या विधानसभा में सीक्रेट वोटिंग का कोई प्रावधान नहीं है। इसे केवल चुनाव के दौरान इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
इस बीच तमिलनाडु विधानसभा में पिछले हफ्ते हुए 'फ्लोर टेस्ट' के दौरान विपक्ष को जबरन विधान सभा से निकाले जाने के खिलाफ डीएमके नेताओं ने अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
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विधान सभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद ही डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने राज्य भर में 22 फरवरी को विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल करने का फैसला लिया था।
डीएमके तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव से भी मिलकर विश्वास मत हासिल करने के AIADMK के पलानीसामी के तरीके पर सवाल उठा चुकी है।
विधानसभा में हुए विश्वास मत के दौरान पलानीस्वामी ने 234 सदस्यों वाले विधानसभा में 122-11 के अंतर से जीत हासिल की थी। इस दौरान प्रमुख विपक्षी डीएमके को बाहर निकाला जा चुका था जबकि कांग्रेस सदन से वॉकआउट कर चुकी थी।
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HIGHLIGHTS
- डीएमके ने दायर की थी पलानीसामी के विश्वास मत हासिल किए जाने के खिलाफ याचिका
- कोर्ट ने पूरे हंगामे का वीडियो मांगा, AIADMK का दावा- विधानसभा में गुप्त मतदान को कोई प्रावधान नहीं
Source : News Nation Bureau