असम में बीजेपी सरकार ने फैसला किया है कि नए कानून के मुताबिक उन लोगों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी जिनके दो से अधिक बच्चे हैं. जिसके बाद इस मुद्दे पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने रविवार को विवादित बयान दे डाला है. बदरुद्दीन ने कहा कि इस्लाम सिर्फ दो बच्चे पैदा करने में विश्वास नहीं रखता. जिन्हें इस दुनिया में आना है उन्हें कोई नहीं रोक सकता. नौकरी को लेकर बदरुद्दीन अजमल ने आगे कहा कि हमारे ऊपर कोई पाबंदी नहीं है.
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सरकार वैसे भी हमें कोई नौकरी नहीं दे रही है और हमें सरकार से कोई उम्मीद भी नहीं है. इसलिए मुस्लिमों को जितना हो सके उतने बच्चे पैदा करने चाहिए और उन्हें शिक्षा दी जाए जिससे वह खुद भी तरक्की कर सकें और हिंदुओं को भी नौकरियां दें.
बता दें कि बदरुद्दीन अजमल ने शनिवार को भी इस मुद्दे को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि मुस्लिम बच्चे पैदा करते रहेंगे. वो किसी की नहीं सुनेंगे. गुवाहाटी में बदरुद्दीन अजमल ने शनिवार को कहा कि मैं निजी तौर पर मानता हूं और हमारा धर्म भी यही कहता है कि जो लोग दुनिया में आना चाहते हैं उन्हें आना चाहिए और उन्हें कोई नहीं रोक सकता है.
ये है असम सरकार का फैसला
असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल की कैबिनेट ने 22 अक्टूबर को यह फैसला लिया है कि जिनके पास दो से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. कैबिनेट के फैसले के मुताबिक 1 जनवरी 2021 के बाद से दो से ज्यादा बच्चे वाले लोगों को कोई सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी.
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126 सीटों वाली असम विधानसभा ने दो साल पहले जनसंख्या नियंत्रण की नीति अपनाई थी. अब सोनोवाल की सरकार ने यह फैसला लिया है. छोटे परिवारों को प्रोत्साहित करने के लिए असम विधानसभा ने जनसंख्या और महिला सशक्तीकरण नीति को पास किया था.