वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और संबंधित राज्यों को निर्देश दिया है कि मौजूदा वायु गुणवत्ता स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के दिशा निर्देशों को लागू करने में कोई चूक न हो. आयोग ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों, समितियों और अन्य जमीनी स्तर के पदाधिकारियों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि एनजीटी के दिशानिर्देशों को लागू करने में कोई चूक न होने पाए.
आयोग ने कहा कि एनजीटी की ओर से नौ नवंबर को जारी आदेश का पालन करते हुए और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की चिंताजनक स्थिति और स्वास्थ्य पर इसके प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आयोग ने सीपीसीबी, संबंधित राज्य सरकारों और प्रशासनों को निर्देश दिया है कि वे एनजीटी के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करें और किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त न करें.
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नौ नवंबर मध्यरात्रि से लेकर 30 नवंबर मध्यरात्रि तक पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्णतया रोक लगाते हुए कहा था कि पटाखे खुशियां मनाने के लिए फोड़े जाते हैं न कि मृत्यु और बीमारी का उत्सव मनाने के लिए. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि यह दिशानिर्देश देश के हर उस शहर और कस्बे पर लागू होता है जहां, वायु गुणवत्ता पिछले साल नवंबर के महीने में ‘खराब’ और उसके ऊपर की श्रेणी में दर्ज की गई थी.
Source : News Nation Bureau