असम (Assam) में आज शनिवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की फाइनल सूची (NRC Final List) आज जारी हो रही है. इस सूची से असम (Assam) के 41 लाख लोगों के भाग्य का फैसला होगा. इससे राज्य में हर तरफ तनाव कायम हो गया है. लोगों को भविष्य की चिंता सता रही है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कहने पर जारी किए जा रहे इस लिस्ट में ऐसे लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा, जो 25 मार्च 1971 के बाद भारत आए हो. सवाल उठता है कि किसी का नाम इस लिस्ट में न आने पर उसका क्या होगा?
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लोगों के पास क्या बचेंगे विकल्प
- केंद्र सरकार ने पहले ही कह रखा है कि NRC लिस्ट में जिसका नाम नहीं होगा, उसे तुरंत विदेशी घोषित नहीं किया जाएगा. बल्कि कानूनी लड़ाई लड़ने का मौका दिया जाएगा.
- NRC लिस्ट में जिस आदमी का नाम नहीं होगा, वे विदेशी ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं. 120 दिनों के अंदर उन्हें अपील करना होगा. पहले ये समय सीमा 60 दिनों की थी.
- गृह मंत्रालय का कहना है कि मामले के निपटारे के लिए 1000 ट्रिब्यूनल अलग-अलग फेज में खोले जाएंगे. 100 ट्रिब्यूनल पहले से ही कार्यरत हैं, जबकि सितंबर के पहले हफ्ते में 200 और ट्रिब्यूनल की शुरुआत की जाएगी.
- ट्रिब्यूनल में केस हारने पर लोग हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं. इसके बाद लोग सुप्रीम कोर्ट में भी इसको लेकर अपील कर सकते हैं.
- NRC लिस्ट में जिनका नाम नहीं होगा, उन्हें तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. जब तक ट्रिब्यूनल उन्हें विदेशी घोषित नहीं करता, तब तक वो भारतीय नागरिक को दिए गए सारे अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) की लिस्ट जारी कर दी गई है. इस लिस्ट में 19 लाख से अधिक लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं है. दरअसल, असम में 1951 के बाद पहली बार नागरिकता की पहचान की जा रही है. एनआरसी के स्टेट कोआर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया, कुल 3,11,21,004 व्यक्तियों को अंतिम NRC में शामिल करने के योग्य पाया गया है, 19,06,657 व्यक्ति इसमें अयोग्य पाए गए हैं. इनलोगों ने अपने दावे पेश नहीं किए थे. अब इनलोगों के सामने विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील दायर करने का विकल्प होगा.