जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटा दी गई है. अब जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा भी छीन लिया गया है. लेकिन क्या आपको पता है कि जम्मू-कश्मीर अकेला ऐसा राज्य नहीं था, जिसे विशेष दर्जा प्राप्त था. भारतीय संविधान में कई अन्य राज्यों के लिए भी इस तरह के प्रावधान हैं. कई राज्यों को अभी भी भारतीय संविधान के अनुसार विशेष दर्जा प्राप्त है. अनुच्छेद 371 के तहत पूर्वोत्तर में कई राज्यों को विशेष दर्जा प्राप्त है. कई राज्य ऐसे हैं, जहां बाकी भारतीय जमीन नहीं खरीद सकते हैं. संविधान का अनुच्छेद 371 गुजरात, नागालैंड और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों को विशेष प्रावधान प्रदान करता है.
अनुच्छेद 371A - नागालैंड
संविधान के इस प्रावधान के तहत नागालैंड का नागरिक ही वहां जमीन खरीद सकता है. देश के अन्य राज्यों के व्यक्ति को नागालैंड में जमीन खरीदने का अधिकार नहीं है. इसके तहत नगालैंड के मामले में नगाओं की धार्मिक या सामाजिक परंपराओं, इसके पारंपरिक कानून और प्रक्रिया, नागा परंपरा कानून के अनुसार फैसलों से जुड़े दीवानी और फौजदारी न्याय प्रशासन और भूमि और संसाधनों के स्वामित्व और हस्तांतरण के संदर्भ में संसद की कोई भी कार्यवाही लागू नहीं होगी.
अनुच्छेद 371F - सिक्किम
इसके तहत सिक्किम के पास पूरे राज्य की जमीन का अधिकार है, चाहे वह जमीन भारत में विलय से पहले किसी की निजी जमीन ही क्यों ना हो. यहां जमीन विवाद में देश के सुप्रीम कोर्ट या संसद को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है. इसी के तहत सिक्किम की विधानसभा का कार्यकाल चार साल का है.
अनुच्छेद 371G - मिजोरम
इस अनुच्छेद के तहत मिजोरम में जमीन का मालिकाना हक सिर्फ वहां बसने वाले आदिवासियों का है. हालांकि, यहां प्राइवेट सेक्टर के उद्योग खोलने के लिए राज्य सरकार मिजोरम (भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन और पुनर्स्थापन) ऐक्ट 2016 के तहत भूमि अधिग्रहण कर सकती है.
अनुच्छेद 371- हिमाचल प्रदेश
कोई भी व्यक्ति जो हिमाचल प्रदेश से बाहर का है, वह राज्य में खेती के लिए जमीन नहीं खरीद सकता
अनुच्छेद 371H - अरुणाचल प्रदेश
राज्यपाल के पास राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर विशेष अधिकार है. इसके आधार पर मुख्यमंत्री के फैसले को रद किया जा सकता है.
अनुच्छेद 371B - असम
राष्ट्रपति राज्य के आदिवासी इलाकों से चुनकर आए विधानसभा के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बना सकता हैं. इस कमेटी का काम राज्य के विकास संबंधी कार्यों की विवेचना करके राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौपना होगा.
अनुच्छेद 371C - मणिपुर
यह असम में लागू अनुछेद 371बी की तहर ही है. मणिपुर में राष्ट्रपति चाहे तो राज्य के राज्यपाल को विशेष जिम्मेदारी देकर चुने गए प्रतिनिधियों की कमेटी बनवा सकते हैं. ये कमेटी राज्य के विकास संबंधी कार्यों की निगरानी करेगी. राज्यपाल को हर साल राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपनी होगी.
अनुच्छेद 371J
अनुच्छेद 371 जे हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के छह पिछड़े जिलों को विशेष दर्जा देता है. विशेष प्रावधान के लिए आवश्यक है कि इन क्षेत्रों (महाराष्ट्र और गुजरात की तरह) के लिए एक अलग विकास बोर्ड स्थापित किया जाए और शिक्षा और सरकारी नौकरियों में स्थानीय आरक्षण सुनिश्चित किया जाए.
Source : News Nation Bureau