इस भयंकर गर्मी में कुत्ते भी बौरा गए हैं, जिसके चलते कुत्तों के इंसानों को काटने की घटनाओं में इजाफा हुआ है. खासतौर पर कुत्तों के काटने का आतंक गौतमबुद्धनगर के सेक्टर्स, अपार्टमेंट और गांवों में काफी ज्यादा दर्ज किया गया है. साथ ही साथ अस्पतालों में भी एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) की खपत काफी बढ़ गई है. रोजाना तकरीबन 1700 से 1800 डोज पूरे जिले में सरकारी और निजी अस्पतालों में लगाई जा रही हैं. चलिए इन आंकड़ों पर एक नजर डालें...
मिली जानकारी के मुताबिक, रोजाना जिला अस्पताल में ही एआरवी लगवाने के लिए तकरीबन 150 लोग पहुंच रहे हैं. जबकि सामान्य तौर पर इसकी संख्या 100 से 110 लोगों के करीब है. वहीं फिलहाल की स्थिति में सबसे ज्यादा मामले सोमवार को सामने आते हैं. भंगेल सीएचसी पर भी लगभग यही आंकड़ा रहता है.
बता दें कि, जिले के अस्पतालों में लगाई जा रही है एआरवी की डोज औसत दिनों के मुकाबले तकरीबन 20 फीसदी तक ज्यादा है.
नेशनल रैबीज कंट्रोल प्रोग्राम के अधिकारी बताते हैं कि, कुत्तों के इंसानों को काटने की घटनाएं ज्यादातर उन इलाकों से आ रही है, जहां शहरीकरण में वृद्धी हो रही है. लिहाजा अगर इसे तय समय पर नियंत्रित नहीं किया गया, तो अस्पतालों में एआरवी की ज्यादा खपत से आगे चलकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और इसके स्टॉक उपलब्ध कराने के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है.
इसलिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि, अगर समय रहते कुत्तों और इंसानों के टकराव को रोक दिया गया, तो कुत्ते के काटने की घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है, जिससे एंटी रैबीज की खपत भी काफी कम हो जाएगी.
ये हैं कुत्ता काटने के हाॅट-स्पॉट
जिले में इन 20 जगहों को हॉटस्पॉट के तौर पर चिंहित किया गया है. इनमें बिसरख, हलदोनी, पतवाडी, मिर्जापुर, उस्मानपुर, कनारसी, इसमें सेक्टर-130, भंगेल आबादी, नांगली वाजिदपुर, सदरपुर कालोनी, सेक्टर-45, जेजे कालोनी, सेक्टर-8, सेक्टर-9, खोडा कालोनी, हरोला सेक्टर-5 जेवर, मोहल्ला व्यापारियन जहांगीरपुर, फलेंदा, रबूपुरा शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau