देश में घरेलू उड़ान अब मंहगा हो गया है. घरेलू उड़ान के लिए अब ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. हवाई यात्रा पर आपको 30 फीसदी ज्यादा किराया चुकाना होगा. सरकार के अलग-अलग रूट के लिए हवाई किराए का प्राइस बैंड बढ़ाने से हवाई मुसाफिरों की जेब पर असर होगा. सरकार के इस कदम से घरलू हवाई किराया 10 से 30 फीसदी ज्यादा महंगा हो गया है. सरकार के अलग-अलग रूट के लिए हवाई किराए का प्राइस बैंड बढ़ाने से हवाई मुसाफिरों की जेब पर असर होगा. अब हवाई सफर करने वालों को 30 फीसदी अधिक हवाई किराया चुकाना होगा.
सरकार ने एयरलाइन कंपनियों पर प्री-कोविड लेवल ( pre-Covid capacity) के मुकाबले अधिकतम 80 फीसदी क्षमता के साथ फ्लाइट ऑपरेट करने की लगाई गई सीमा को 31 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है. अब डेढ़ से दो घंटे हवाई सफर का न्यूनतम किराया 3500 से बढ़कर 3900 रुपये हो गया है. वहीं अगर अधिकतम किराया की बात करें तो 10 हजार से बढ़कर 13 हजार हो गया है. 40 मिनट का न्यूनतम हवाई किराया भी 2000 रुपये से बढ़कर 2200 रुपये हो गया है. 40 मिनटों तक के लिए अधिकतम किराया भी बढ़कर 6 हजार से बढ़कर 7800 रुपये कर दिया गया है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय एयरलाइन कंपनियों के लिए घरेलू उड़ान संचालित करने की सीमा कोविड-19 से पहले के स्तर का 80 प्रतिशत, 31 मार्च या ग्रीष्मकालीन सारिणी शुरू होने तक बनी रहेगी. मंत्रालय ने 80 प्रतिशत की सीमा तीन दिसंबर, 2020 को तय की थी. एयरलाइन कंपनियों के लिए मार्च के अंत में ग्रीष्मकालीन सारिणी शुरू होती है.
अब 40 से 60 मिनटों के हवाई सफर के लिए न्यूनतम किराया 2500 से बढकर 2800 रुपये अधिकतम किराया कर दिया गया है और 7500 से बढकर 9800 रुपये कर दिया गया है. 60-90 मिनटों के लिए न्यूनतम किराया 3000 से बढकर 3300 रुपये अधिकतम किराया 9000 से बढकर 11700 रुपये। 120-150 मिनटों के लिए न्यूनतम किराया 4500 से बढकर 5000 रुपये अधिकतम किराया और 13000 से बढकर 16900 रुपये कर दिया गया है.
कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के कारण दो महीने के अंतराल के बाद, मंत्रालय ने 25 मई, 2020 से घरेलू यात्री सेवाओं को फिर से शुरू किया था. हालांकि, एयरलाइंस को पूर्व-कोविड घरेलू उड़ानों का 33 प्रतिशत से अधिक के संचालन की अनुमति नहीं थी.
Source : News Nation Bureau