चेन्नई के 17 साल के डोम्माराजू गुकेश (Dommaraju Gukesh) ने इतिहास रच दिया है. वह फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट (Fide Candidates tournament) जीतकर सबसे कम उम्र की विश्व चैम्पियनशिप चैलेंजर बन गए हैं. मालूम हो कि, वह यह टूर्नामेंट जीतने वाले इतिहास के पहले किशोर भी हैं. गुकेश ने 9/14 का स्कोर बनाकर पहला पायदान हासिल किया और विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) के बाद कैंडिडेट्स जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए. गौरतलब है कि, उनका अगल मुकाबला विश्व शतरंज चैंपियन बनने के लिए डिंग लिरेन (Ding Liren) से होगा.
कुछ यूं था मैच का मंजर?
कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के अंतिम दौर में तीन खिलाड़ी - फैबियानो कारूआना, इयान नेपोमनियाचची और हिकारू नाकामुरा को टूर्नामेंट में बने रहने के लिए जीतना जरूरी था. जबकि गुकेश सोलो लीडर के तौर पर विश्व नंबर 3 नाकामुरा के खिलाफ ड्रॉ की जरूरत थी. वहीं परिणाम के लिए कारुआना और नेपोम्नियाचची के बीच का खेल भी ड्रा होना था. किस्मत और उनकी मेहनत ने उनका साथ दिया और ये दोनों ही स्थिति उनके पक्ष में रही.
ऐसे क्षेत्र में जहां दुनिया के शीर्ष तीन खिलाड़ियों में से दो और दो बार के विश्व चैम्पियनशिप चैलेंजर शामिल थे, गुकेश को उनकी पहली कैंडिडेट उपस्थिति के लिए ज्यादा संभावनाएं नहीं दी गईं. पिछले तीन हफ्तों में, इस किशोर ने कुछ उत्कृष्ट शतरंज खेलकर, दबाव में शांत रहकर और अपनी उम्र से कहीं अधिक परिपक्वता और शांति का प्रदर्शन करते हुए, आखिरकार दुनियाभर में अपना परचम लहरा दिया है.
विश्वनाथन आनंद ने दी बधाई
गुकेश की जीत के साथ ही उन्हें 88,500 यूरो (लगभग 78.5 लाख रुपये) का नकद पुरस्कार से नवाजा गया. इसके बाद पूरे देशभर में जश्न का माहौल था, खुद विश्वनाथन आनंद ने एक्स पर पोस्ट कर गुकेश को बहुत बधाईयां दी, उन्होंने लिखा कि, 'सबसे युवा चैलेंजर बनने के लिए डी गुकेश को बधाई. आपने जो हासिल किया है उस पर बहुत गर्व है. मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत गर्व है कि आपने कैसे खेला और कठिन परिस्थितियों को संभाला. इस पल का आनंद लें.' मालूम हो कि, कैंडिडेट्स की कुल पुरस्कार राशि 5,00,000 यूरो थी.
Source : News Nation Bureau