वैज्ञानिक डॉ बीएचवीएस नारायण मूर्ति को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के मिसाइल और स्ट्रैटेजिक का डायरेक्टर जनरल नियुक्त किया गया है. शुक्रवार को उनकी नियुक्ति की जानकारी दी गई है. डॉ नारायण मूर्ति हैदराबाद में एक मिसाइल प्रयोगशाला के निदेशक के तौर पर भी काम कर रहे हैं. अब उनको ये नई जिम्मेदारी भी दी गई है. बीएचवीएस नारायण मूर्ति उत्कृष्ट वैज्ञानिक एवं निदेशक आरसीआई, 26 जुलाई 2018 से विशिष्ट वैज्ञानिक (डीएस )के रूप में पदोन्नित किये गए हैं. वे प्रसिद्ध एयरोस्पेस वैज्ञानिक हैं जो भारत में मिसाइल प्रौद्योगिकी में अपने आर एवं डी के लिए और एयरोस्पेस उद्योगों की प्रगति की ओर अपने निरंतर योगदान के लिए प्रख्यात हैं.
डॉ बीएचवीएस नारायण मूर्ति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा स्थापित अनुसंधान केंद्र इमारात, एवियोनिक्स प्रयोगशाला में निदेशक के रूप में नेविगेशन, एंबेडेड कंप्यूटरों, नियंत्रण, मार्गदर्शन, अनुकरण, आरएफ और इंफ्रारेड इमेजिंग सीकर्स, भारतीय मिसाइल और अन्य रक्षा कार्यक्रमों की दूरमापी के गंभीर क्षेत्र में वैमानिकी तकनीकी के विकास के लिए अनुवाई कर रहे हैं. पिछले तीन दशकों में, उन्होंने नूतन दोष सहनीय योजनाओं सहित ऑनबोर्ड कंप्यूटरों, मिसाइल लांच प्रोसेसरों, वास्तविक समय मिशन सॉफ्टवेयरों के डिजाइन, विकास और डिलिवरी तथा राष्ट्रीय महत्व के मिशन हेतु चिप पर सिस्टम की ओर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय योगदान दिया है.
Scientist Dr BHVS Narayana Murthy has been appointed as the Director-General of Defence Research and Development Organisation (DRDO)’s Missile and Strategic Systems.
He is also the Director of a missile laboratory in Hyderabad pic.twitter.com/QAUl6GmZUz
— ANI (@ANI) July 30, 2021
डॉ बीएचवीएस नारायण मूर्ति एंबेडेड कंप्यूटरों और अन्य महत्वपूर्ण वैमानिकी उप-प्रणालियों के विकास के पथप्रदर्शक हैं जिनका देश की प्रथम आईसीबीएम श्रेणी अग्नि-5 मिसाइल के सभी तीन मिशनों में सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है जिसकी रेंज 5000किमी है. उनके तकनीकी योगदान ने देश के तकनीकी नक्शे के साथ-साथ रक्षा की तैयारी पर एक अमिट छाप छोड़ी है. परियोजना निदेशक के रूप में श्री मूर्ति ने सशस्त्र बलों को सशक्त करने वाले स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार विकसित किए. उन्होंने ऑनबोर्ड वैमानिकी के लघुरूप में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने के लिए लघु सैटनेव रिसिवरों और चिप पर सिस्टम (एसओसी) का विकास और निर्माण नेतृत्व किया.
डॉ बीएचवीएस नारायण मूर्ति ने आईईसी, वारांगल से इलैक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेशन इंजीनयिरिंग में स्नातक किया है और जेएनटीयू, हैदराबाद से एम.टैक की है. अंतरिक्ष इंजीनियरिंग में उनके महत्वपूर्ण जीवन पर्यान्त योगदान के लिए श्री मूर्ति को इंजीनियरिंग की भारतीय राष्ट्रीय अकादमी के फैलो के रूप में शामिल किया गया. रक्षा आर एवं डी को उनके अग्रणी योगदान के लिए भारतीय वैमानिकी सोसायटी द्वारा उन्हें राकेट और संबंधित प्रौद्योगिकी पुरस्कार प्रदान किया गया है. दल के नेता के रूप में उन्हें आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में उत्कृष्ठता के लिए प्रतिष्ठित अग्नि पुरस्कार दिया गया. वे डीआरडीओ के वर्ष के वैज्ञानिक पुरस्कार, पथ से हटकर अनुसंधान/उत्कृष्ठ तकनीकी विकास पुरस्कार और डीआरडीओ कार्यनिष्पादन उत्कृष्ठता पुरस्कार के प्राप्तकर्ता भी हैं.
Source : News Nation Bureau