Dr. Harsh Vardhan: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता डॉ. हर्षवर्धन ने राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया. रविवार दोपहर राजनीति छोड़ने की घोषणा करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा. जिसमें उन्होंने कहा कि, कृष्णानगर का उनका क्लीनिक मेरा इंतजार कर रहा है और मैं अब अपने ईएनटी क्लिनिक लौट रहा हूं. बता दें कि डॉ. हर्षवर्धन से पहले बीजेपी सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने भी राजनीति छोड़ने का ऐलान किया था. दोनों नेताओं ने ऐसे समय में राजनीति को अलविदा करने की घोषणा की है जब लोकसभा चुनाव की तारीखों का कुछ ही दिनों में ऐलान होने वाला है. बता दें कि हर्षवर्धन मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं.
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संन्यास की घोषणा पर क्या बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राजनीति से संन्यास का ऐलान करते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखा. उन्होंने एक्स पर लिखे पोस्ट में कहा, "तीस साल से अधिक के शानदार चुनावी करियर में मैंने पांच विधानसभा और दो लोकसभा चुनाव लड़े. जिन्हें मैंने बड़े अंतर से जीता. इस, दौरान मैं पार्टी संगठन और राज्य और केंद्र की सरकारों में कई प्रतिष्ठित पदों पर रहा. अंततः अब मैं अपने काम पर वापस लौटना चाहता हूं."
After over thirty years of a glorious electoral career, during which I won all the five assembly and two parliamentary elections that I fought with exemplary margins, and held a multitude of prestigious positions in the party organisation and the governments at the state and…
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) March 3, 2024
डॉ. हर्षवर्धन ने आगे लिखा, "पचास साल पहले जब मैंने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने की इच्छा के साथ जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में एमबीबीएस में प्रवेश लिया, तो मानव जाति की सेवा ही मेरा आदर्श वाक्य था. दिल से एक स्वयंसेवक, मैं हमेशा पंक्ति में अंतिम व्यक्ति की सेवा करने के प्रयास के दीन दयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय दर्शन का उत्साही प्रशंसक रहा हूं. तत्कालीन आरएसएस नेतृत्व के आग्रह पर मैं चुनावी मैदान में कूदा. वे मुझे केवल इसलिए मना सके क्योंकि मेरे लिए राजनीति का मतलब हमारे तीन मुख्य दुश्मनों - गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ने का अवसर था."
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा, "बिना पछतावे के मैं कहना चाहता हूं कि यह एक अद्भुत पारी रही. जिसके दौरान आम आदमी की सेवा करने का मेरा जुनून शांत हो गया. मैंने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के साथ-साथ दो बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया, यह विषय मेरे दिल के करीब है. मुझे पहले पोलियो मुक्त भारत बनाने की दिशा में काम करने और फिर उसके पहले और दूसरे चरण के दौरान खतरनाक कोविड-19 से जूझ रहे हमारे लाखों देशवासियों के स्वास्थ्य की देखभाल करने का दुर्लभ अवसर मिला."
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Source : News Nation Bureau