पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह विवादों में एक बार फंसते दिख रहे हैं. मनमोहन सिंह ने विजय माल्या की खूब मदद की थी. उस दौरान विजय माल्या पीएमओ के संपर्क में थे. उस वक्त किंगफिशर एयरलाइंस घाटे में चल रही थी. घाटे से उबारने के लिए वित्त मंत्रायल ने विजय माल्या की काफी मदद की था. उसे लोन दिलाने में तत्कालिक वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने राहत पहुंचाई थी.
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सीएनएन न्यूज 18 के मुताबिक डॉ. मनमोहन सिंह ने किंगफिशर एयरलाइंस को घाटे से उबारने के लिए शराब कारोबारी विजय माल्या की मदद की थी. साल 2010 से लेकर 2013 के बीच विजय माल्या ने ऐसे कई ईमेल डॉ. मनमोहन सिंह को किए, जिसके बाद वित्त मंत्रालय के जरिए उनकी मदद की गई. इतना ही नहीं विजय माल्या ने डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था. इसके बाद तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने तमाम नियम कायदों को दरकिनार करते हुए किंगफिशर एयरलाइंस को लोन मामले में राहत पहुंचाई. रिपोर्ट के मुताबिक विजय माल्या उस समय लगातार पीएमओ के संपर्क में थे.
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नेटवर्क-18 ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि 2010 से लेकर 2013 के बीच इस मामले से जुड़े ईमेल उनके हाथ लगे हैं. इसके मुताबिक पीएमओ के बड़े अधिकारी और वित्त मंत्रालय ने विजय माल्या को फायदा दिलाने के लिए नियमों को ताक पर रख दिया था. माल्या ने मनमोहन सिंह को ईमेल किए थे. जिसे पीएमओ से वित्त मंत्रालय फॉरवर्ड कर दिया गया था. उसके बाद नियमों का उल्लंघन करते हुए माल्या की मदद की गई थी. तब डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि किंगफिशर एयरलाइंस की मदद होनी चाहिए.
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इससे पहले विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस मामले में कथित धन के दुरुपयोग मामले में खुद को बेगुनाह बताया और कहा कि अदालत में भी उनके खिलाफ कुछ नहीं निकला है. माल्या ने ट्वीट जारी कर कहा कि अब तक, इस मिनट तक अदालत में चली सुनवाई के बाद इस बारे में कि किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का कितना कर्ज है और मुझ पर व्यक्तिगत तौर पर कितना कर्ज है इस बारे में अंतिम तौर पर कुछ भी तय नहीं हुआ है. माल्या ने कहा कि जब तक उन्हें किसी अदालत से दोषी नहीं ठहराया जाता तब तक वह बेगुनाह हैं.