कोविड काल में स्कूल कब, कहां और कैसे खोलें... डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दीं टिप्स

कई राज्यों में बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. सरकारों के इस निर्णय ने एक नई बहस छेड़ दी है. एक वर्ग जहां इस फैसले के समर्थन में हैं तो दूसरा इसके खिलाफ है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
DR Randeep Guleria

कोरोना काल में स्कूल खोलने को लेकर सामने आ रही अलग राय.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

देश में कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) के अब भी औसतन प्रतिदिन 40 हजार से अधिक मामले सामने आने के बीच कई राज्यों में बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. सरकारों के इस निर्णय ने एक नई बहस छेड़ दी है. एक वर्ग जहां इस फैसले के समर्थन में हैं तो दूसरा इसके खिलाफ है. दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक जिन जिलों में कोरोना के संक्रमण कम हो गए हैं तथा जहां कम संक्रमण दर है, वहां कड़ी निगरानी एवं कोविड प्रोटोकॉल के साथ स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कई अन्य मसलों पर भी लोगों में फैले भ्रम को दूर किया.

कोरोना संक्रमण में बच्चों के स्कूल फिर से खुल रहे
डॉ गुलेरिया के मुताबिक जिन जिलों में कोरोना के संक्रमण कम हो गए हैं तथा जहां कम संक्रमण दर है, वहां कड़ी निगरानी एवं कोविड प्रोटोकॉल के साथ स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए. स्कूलों को 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ या अलग-अलग शिफ्ट में शुरू किया जा सकता है. स्कूलों में छात्रों को हैंड सैनिटाइजर समेत कोरोना से बचाव के लिए अन्य चीजें देनी चाहिए. स्कूल उन्हीं इलाकों में खोले जाने चाहिए, जहां संक्रमण दर कम है. इसकी लगातार निगरानी की जानी चाहिए और संक्रमण दर में बढ़ोतरी पाए जाने पर स्कूलों को बंद कर दिया जाना चाहिए. स्कूल खोलने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें स्थायी रूप से खोल रहे हैं, इसमें जोखिम और फायदे की स्थिति का विश्लेषण किया जाए.

यह भी पढ़ेंः दंड के मुकाबले प्रेम पर आधारित शिक्षा अधिक कारगरः राष्ट्रपति

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के बीच स्कूल खोलना कितना उचित
डॉ गुलेरिया ने कहा कि तीसरी लहर की चपेट में बच्चों के आने की बात इसलिए कही जा रही थी क्योंकि अब तक बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पाया है. अगर हम भारत, यूरोप और ब्रिटेन में दूसरी लहर के आंकड़ों पर गौर करें तो हम पाएंगे कि बहुत कम बच्चे इस वायरस से प्रभावित हुए थे और उनमें गंभीर रूप से बीमार होने के मामले बहुत कम थे. भारत में भी कोरोना वायरस से कम बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. इसके अलावा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) सिरो सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि करीब 55 फीसदी बच्चों में पहले से ही वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो चुकी हैं. ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल एवं निगरानी के साथ स्कूल खोले जा सकते हैं.

अभिभावक बिना टीका लगाए बच्चों को स्कूल भेजने पर राजी नहीं
डॉ गुलेरिया ने कहा कि सभी बच्चों का टीकाकरण कराने में काफी समय लगेगा और ऐसे में तो अगले साल के बाद तक ही स्कूल खोले जा सकेंगे. इसके बाद वायरस के नए प्रारूप का खतरा भी रहेगा. ऐसी चिंताओं के बीच तो हम स्कूल खोल ही नहीं पाएंगे. कई शहरों में स्कूल खोले जा सकते हैं, लेकिन कई शहरों में नहीं खोले जा सकते हैं. मसलन दिल्ली में 100 के आसपास मामले आ रहे हैं तो एहतियात एवं कोविड नियमों के पालन के साथ स्कूल खोले जा सकते हैं. केरल में मामले अभी अधिक हैं तो इस पर ध्यान देने की जरूरत है.

यह भी पढ़ेंः  तालिबान-हक्कानी में सत्ता विवाद हुआ हिंसक, मुल्ला बरादर को लगी गोली

स्कूलों ऐसे बरतें सावधानी 
एम्स के निदेशक डॉ गुलेरिया ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास में स्कूली शिक्षा का काफी महत्व है. स्कूलों में क्लास रूम की पढ़ाई से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है. स्कूलों में बच्चों का टीचर्स और दोस्तों से संवाद होता है. इससे उनका सामाजिक एवं नैतिक विकास होता है. स्कूलों में पूरी सावधानी बरती जाए. स्कूलों को कोरोना दिशानिर्देशों के पालन में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए. स्कूल प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए कि प्रार्थना, लंच आदि के लिए एक स्थान पर बच्चों की ज्यादा भीड़ नहीं हो. शिक्षकों एवं स्कूल के सभी कर्मचारियों को टीका लगवा लेना चाहिए.

अभिभावकों की हिचक 
उन्होंने कहा कि अभिभावकों को यह विश्वास दिलाना होगा कि हम पूरी तैयारी कर रहे हैं. शुरुआत में कुछ समय स्कूलों में बच्चे कम संख्या में आएंगे, लेकिन धीरे-धीरे अभिभावकों में विश्वास आएगा. 

HIGHLIGHTS

  • 55 फीसदी बच्चों में पहले से ही वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित
  • स्कूल 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ या अलग-अलग शिफ्ट लगाएं
  • स्कूलों की लगातार निगरानी कर सख्ती से लागू करें कोविड प्रोटोकॉल
AIIMS school स्कूल Corona Epidemic कोरोना संक्रमण एम्स Reopening रणदीप गुलेरिया Randeep Guleria सावधानी
Advertisment
Advertisment
Advertisment