भारत में रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Russia Sputnik V Coronavirus Vaccine) के दूसरे व तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल जल्द शुरू हो सकता है. डॉक्टर रेड्डी को रूसी कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक-V के ट्रायल की इजाजत मिल गई है. रूस ने दुनिया का सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया था.
शनिवार को इसके लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारतीय दवा निर्माता डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (DRL) को मंजूरी दे दी है. डॉक्टर रेड्डी ने कहा कि यह एक बहु केंद्र और यादृच्छित नियंत्रित अध्ययन होगा, जिसमें सुरक्षा और प्रतिरक्षाजनकता का अध्ययन किया जाएगा.
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रूस में कोरोना वैक्सीन बनने के बाद हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल फर्म ने 13 अक्टूबर को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को दोबारा आवेदन दिया था और देश में रूसी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी के दूसरे और तीसरे फेज के मानव परीक्षण एक साथ कराने की मंजूरी देने की मांग की थी. इस प्रस्ताव पर शुरुआती सवाल उठाए थे. सवाल यह था कि आखिर कैसे भारत की बड़ी आबादी पर इसका टेस्ट किया जाए.
बता दें कि वर्तमान में स्पूतनिक-V का पोस्ट रजिस्ट्रेशन फेज-3 ट्रायल चल रहा है, जिसमें करीब 40 हजार प्रतिभागियों को शामिल किया गया है.
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डॉक्टर रेड्डी और आरडीआईएफ ने स्पूतनिक-V के क्लिनिकल ट्रायल और भारत में इस वैक्सीन के वितरण को लेकर एक साझेदारी की थी. साझेदारी के तहत भारत को स्पूतनिक के 10 करोड़ खुराक दिए जाएंगे.
डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के मैनेजिंग डायरेक्टर और को-चेयरमेन जीवी प्रसाद ने कहा कि हम पूरी प्रक्रिया में DCGI की वैज्ञानिक कड़ाई और मार्गदर्शन को स्वीकार करते हैं. यह बड़ी बात है कि हमें भारत में क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. हम सुरक्षित और कारगर कोरोना वैक्सीन लाने के लेकर प्रतिबद्ध हैं.
बता दें कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 74 लाख के पार चली गई है, वहीं संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या भी 65 लाख से अधिक हो गई है. इस प्रकार संक्रमण से स्वस्थ होने वालों की दर 87.78 प्रतिशत हो गई है.
Source : News Nation Bureau