राष्ट्रपति चुनाव में शनिवार को नाम वापसी की आखिरी तारीख बीत जाने के बाद अब केवल दो ही उम्मीदवार एनडीए की द्रौपदी मुर्मू और संयुक्त विपक्ष के यशवंत सिन्हा चुनावी मैदान में रह गए हैं. 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच होना तय हो गया है. हालांकि जिस तरह विपक्ष की कुछ पार्टियां द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे रही है, उससे यशवंता सिन्हा के लिए जीत का अंतर पाटना चुनौतीप4ण होता जा रहा है.
107 नामांकन हुए खारिज
राज्य सभा महासचिव एवं राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने कहा कि 29 जून तक 94 व्यक्तियों के 115 नामांकन पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 107 नामांकन पत्रों को खारिज कर दिया गया. उनके मुताबिक चार-चार सेटों में दाखिल द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा के नामांकन पत्र नियमों के मुताबिक पूरी तरह से वैध पाए गए और उन्हें स्वीकार कर लिया गया. गौरतलब है कि एनडीए के घटक दलों के अलावा बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और अकाली दल ने भी मुर्मू का समर्थन करने की घोषणा कर दी है. भाजपा कई अन्य राजनीतिक दलों के भी संपर्क में है और आंकड़ों के लिहाज से यह माना जा रहा है कि मुर्मू बड़े अंतर से यह चुनाव जीत सकती है.
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18 जुलाई को मतदान
राज्यसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा कि संसद भवन के कमरा नंबर 63 में तथा राज्य विधानसभाओं में अधिसूचित कमरों में 18 जुलाई को पूर्वाह्न 10 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा. राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों दिल्ली एवं पुडुचेरी की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं.
HIGHLIGHTS
- शनिवार था नाम वापसी का आखिरी दिन
- 18 जुलाई को होना है राष्ट्रपति का चुनाव
- विपक्षी खेमा भी दे रहा द्रौपदी मुर्मू को समर्थन