भारतीय नेवी ने कम जगह में लैंडिंग करने वाले (Arrest Landing) लड़ाकू विमानों का सफल परीक्षण कर लिया है. शुक्रवार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) ने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) ने यह सफल परीक्षण किया. इस परीक्षण की सफलता से एलसीए विमान वाहक पोत से संचालन के लक्ष्य के और करीब पहुंच गया है.
अभी भी कई विमानों की जरूरत
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एलसीए-नेवी की इस सफल अरेस्ट लैंडिंग ने विमान वाहक पोत आइएनएस विक्रमादित्य पर इसकी लैंडिंग का रास्ता खोल दिया है. आपको बता दें कि भारतीय नौसेना को आइएनएस विक्रांत समेत अपने भविष्य के विमान वाहक पोतों के लिए कई ऐेसे अरेस्ट लैंडिंग वाले लड़ाकू विमानों की जरूरत है. आइएनएस विक्रांत का निर्माण अपनी अंतिम प्रक्रियाओं में है. बीते 20 अप्रैल को तत्कालीन नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने बताया था कि आइएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना को 2021 तक मिल जाएगा.
एलसीए की क्षमता से बढ़ेगी सेना की ताकत
हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा बनाए गए स्वदेशी जेट विमान एलसीए तेजस को जल्द ही वायुसेना में शामिल किया जाएगा. इसके पहले इस विमान को एयर शो में फाइनल ऑपरेशन क्लीयरेंस (एफओसी) दी जाएगी जिसका मतलब है कि युद्धक विमान मिसाइल क्षमता में स्तरीय है, इसके अलावा ये विमान हवा में ही एक विमान से दूसरे विमान में ईंधन भर लेने में सक्षम है और हवा से जमीन पर सटीक वार कर सकता है. इन कलाओं में दक्ष होने के बाद इन विमानों को एफओसी देकर वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा.
एचएएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस साल के अंत तक 16 और तेजस एलसीए विमानों का निर्माण करके वायु सेना को सौंप दिया जाएगा. इसके अलावा चार अन्य विमान जिन पर अभी काम चल रहा है वो अगले साल बनकर तैयार होंगे. चूंकि एचएएल ने बेंगलुरु परिसर में 1380 करोड़ रुपये का निवेश करके अधिक विमान बनाने की क्षमता बढ़ा ली है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो