रक्षा उपकरणों और हथियारों के आत्मनिर्भर बनने की राह में भारत तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है. रविवार को ओडिशा के बालासोर तट के पास जमीन से हवा में मार करने वाली एमआरएसएएम मिसाइल का सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ के बयान के मुताबिक एयर डिफेंस सिस्टम से निकली मिसाइल ने लंबी दूरी तय कर एक तेज गति वाले हवाई लक्ष्य को पूरी सटीकता के साथ नष्ट कर दिया. गौरतलब है कि यह मिसाइल 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाली किसी भी दुश्मन की मिसाइल या लड़ाकू विमान आदि को मार गिराने में पूरी तरह से सक्षम है. इसका निर्माण थल सेना के लिए किया गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि इस सिस्टम का परीक्षण थलसेना के लिए किया गया है. भारतीय वायुसेना को ऐसा ही सिस्टम बीते साल सौंपा जा चुका है. तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे देश की हवाई सुरक्षा के लिए एक गेमचेंजर करार दिया था. एमएसआरएएम एक अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम है, जो लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, मानवरहित ड्रोन के अलावा क्रूज़ मिसाइलों से भी सुरक्षा देने में सक्षम है. यह गाइडेड और अनगाइडेड दोनों तरह की मिसाइलों को रोक सकता है.
इस मिसाइल को डीआरडीओ और इजरायल ने मिल कर तैयार किया है. इस डिफेंस सिस्टम की सबसे बड़ी खूबी है कि यह 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाली कई मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकती है. इसमें स्वदेशी रॉकेट और कंट्रोल सिस्टम लगे हैं, जो इसे बेहतर बनाते हैं. वायु सेना को यह डिफेंस सिस्टम सुपुर्द किया जा चुका है. अब थल सेना के लिए रविवार को इसका परीक्षण किया गया है. इस कड़ी में इसका नेवी वर्जन भी तैयार हो चुका है.
भारतीय थलसेना के लिए विकसित एमआरएसएएम एयर डिफेंस सिस्टम का पहला परीक्षण दिसंबर 2020 में हुआ था. तब भी इसका परीक्षण कामयाब रहा था. उस समय इसकी मिसाइल ने टेस्ट के दौरान ब्रिटेन में बने एक ड्रोन को तबाह किया था. तब बताया गया था कि इसकी मिसाइलें साढ़े चार मीटर लंबी और 2.7 टन वजनी हैं. ये परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. इस सिस्टम में मिसाइलों के अलावा मल्टी फंक्शनल सर्विलांस और खतरा भांपने वाला रडार भी लगा है.
HIGHLIGHTS
- थलसेना के लिए रविवार को ओडिशा के बालासोर तट से परीक्षण
- वायु सेना को पिछले साल ही सौंपा जा चुका है डिफेंस सिस्टम
- 70 किमी के दायरे में एक साथ कई मिसाइल नष्ट करने में सक्षम