भारत स्वदेशी लड़ाकू ड्रोन विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने देसी स्टेल्थ ड्रोन की दूसरी उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की. कर्नाटक के चित्रदुर्ग में ये परीक्षण हुआ. इसकी सफलता से डीआडीओं ने बड़ी उपलब्धी हासिल की है. ड्रोन की दिशा में भारत की यह सफलता काफी बड़ी है. इसका कारण है कि ऐसे ड्रोन को बनाने में अमेरिका, चीन समेत कई देशों का एकाधिकार रहा है. अब यह ड्रोन भारत में बनकर तैयार हो रहे हैं. इस तरह से मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलता है.
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इसका शेप अमेरिका के बी-2 बॉम्बर की तरह है. ड्रोन में लगा इंजन काफी पावरफुल है. इसमें फिक्स्ड विंग्स हैं. इस तरह ये ड्रोन काफी अलग दिखाई पड़ता है. इसमें जो इंजन लगा है, उसका उपयोग एडवांस्ड ट्रेनर और लाइट अटैक हेलीकॉप्टर्स में देखा गया है. इस इंजन को हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के HJT-36 सितारा ट्रेनर जेट में लगा है.
भारत का यह ताकतवर ड्रोन सीमा पर अहम रोल अदा कर सकता है. सीमा पर चीन और पाकिस्तान की चुनौती से मुकाबला करने के लिए यह ड्रोन काफी कारगर बताया जा रहा है. इस ड्रोन की मदद से चीनी घुसपैठ वाले क्षेत्रों में नजर रखना आसान होगा. दुश्मन देशों के ठिकानों पर इसकी मदद से सटीक निशाना लगाना संभव होगा. आइए जानतें हैं कि इस ड्रोन से भारत को क्या होगा लाभ.
1. ड्रोन के जरिए सीमा की सुरक्षा करना आसान होगा. ड्रोन की मदद से दुश्मन पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है.
2. इस ड्रोन से सेना की ताकत में इजाफा होगा, इससे सीमा पर हजारों करोड़ रुपये की भी बचत होगी.
3. भविष्य में मानवरहित लड़ाकू विमानों से युद्ध होंगे. ऐसे में इस ड्रोन परीक्षण से भारत को नई शक्ति मिली है.
4. सीमा पर आतंकी गतिविधियों की निगरानी आसान हो जाएगी. ड्रोन में हाई रेजेल्यूशन कैमरा के साथ सेंसर हैं.
5. भारतीय सेनाओं के पास जल्द ऐसे कई लड़ाकू ड्रोन होंगे. इसके इंजन काफी पावरफुल हैं, जो कई घंटों की उड़ान भर सकते हैं
Source : News Nation Bureau