भारत और चीन के बीच कई महीनों से तनाव का माहौल चल रहा है. मोदी सरकार सेना को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है. दुश्मन देशों जवाब देने के लिए भारतीय सेना को 400 से ज्यादा हॉवित्जर (Howitzers) तोपों की जरूरत है. भारतीय सेना देश में बने उपकरणों पर शामिल करने पर जोर दे रही है.
डीआरडीओ (DRDO) की ओर से कहा गया है कि ऑर्डर मिलने पर 18 से 24 महीनों में 200 से अधिक मेड इन इंडिया एडवांस टावर आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) हॉवित्जर तैयार कर सकता है.मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत बन रहे डीआरडीओ के एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम विकल्प के रूप में देखे जा रहे हैं.
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डीआरडीओ भारतीय सेना की आवश्यकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने की दिशा में काम कर रही है. स्वदेशी हॉवित्जर को तैयार करने के लिए तमाम सुविधाएं डीआरडीओ के पास है. जबकि इजराय की हॉवित्जर के उत्पादन में लंबा वक्त लगेगा. भारत चाहता है कि जल्द से जल्द हॉवित्जर को चीन की सीमा पर तैनात किया जा सके, ताकि ड्रैगन को भारतीय सेना की मजबूती का पता चल सके और कुछ भी करने से पहले अंजाम को लेकर सोच सके.
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महाराष्ट्र में हॉवित्जर तोप का परीक्षण डीआरडीओ के द्वारा किया जा रहा है. डीआरडीओ का कहना है कि 18महीनों में 200 हॉवित्जर भारतीय सेना को उपलब्ध करा दिया जाएगा. डीआरडीओ सूत्रों के मुताबिक ATAGS हॉवित्जर अच्छी तरह से काम कर रहा है. यह लंबी दूरी तक फायर कर सकता है.
Source : News Nation Bureau