DRDO का कारनामा.... भारत ने कल इतिहास रच दिया. एक ओर भारत ने चंद्रमा के दक्षिण धुव्र पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन गया. एक ओर इसरो ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करने में कामयाब रहा. वहीं दूसरी ओर भारत ने एक और कारनामा कर दिखाया है. ये कारनामा रक्षा अनुसंधान और डेवलमेंट संगठन यानी डीआरडीओ (DRDO) ने कर दिखाया है. स्वदेशी तकनीक से निर्मित हल्का लड़ाकू विमान (LCA) तेजस ने बुधवार को 20 हजार फीट की ऊंचाई से मिसाइल से टारगेट को मार गिराया है.
बीवीआर तकनीक से लैस
स्वदेशी तकनीक से निर्मित तेजस ने बुधवार 23 अगस्त को गोवा पर हवा से हवा(Air to Air) मिसाइल का सफल टेस्ट हो गया. जानकारी के अनुसार ये कारनामा हवा से 20 हजार फीट की ऊंचाई पर तेजस विमान ने टारगेट को मारते हुए सफल परीक्षण किया है. इस टेस्ट की निगरानी दो सीट वाले तेजस से की जा रही थी. इसके लिए स्वदेशी तकनीक से निर्मित अस्त्र मिसाइल का इस्तेमाल किया गया. ये हवा से हवा से में मारने करने वाली बीवीआर तकनीक से लैस है. ये मिसाइल किसी भी लक्ष्य किसी भी निशाने को भेदने और उसे खत्म करने की ताकत वाला स्वेदेशी है. इस टेस्ट को एरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के टेस्ट डायरेक्टर और वैज्ञानिक मोनिटर कर रहे थे. इसके साथ ही डीआरडीओ, हिन्दूस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड(HAL) इसके साथ ही सेंटर फोर मिलिट्री (CEMILAC) और एरोनोटिकल क्वालिटी एश्योरेंस के डायरेक्टर जनरल (DG-AQA) ने इस टेस्ट में भाग लिया था.
विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम होगी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलसीए तेजस के इस सफल परीक्षण पर डीए, डीआरडीओ, सेमिलैक, डीजी-एक्यूए और उद्योग को बधाई और शुभकानाएं दी है. उन्होंने आगे कहा कि इस टेस्ट के तेजस की मारक क्षमता और बढ़ जाएगी. ये अब पहले से अधिक घातक हो जाएगा. आगे कहा कि इससे विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम होगी और हम स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देंगे.
Source : News Nation Bureau