देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने कोहराम मचा दिया है. ऐसे में इस महामारी को रोकने के देश में कोरोना वैक्सीन के निर्माण का काम बहुत ही तेजी से चल रहा है. इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से भारत में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-5 बनाने के लिए परीक्षण लाइसेंस की अनुमति मांगी. जिसपर डीसीजीआई ने शुक्रवार को स्पुतनिक-5 के निर्माण के लिए सीरम को मंजूरी दे दी है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की मंजूरी मिलने के बाद अब सीरम इंस्टीट्यूट भारत में स्पुतनिक-5 वैक्सीन का निर्माण कर सकेगा.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने स्पुतनिक-5 के एग्जामिनेशन, टेस्ट और एनालिसिस के साथ ही इसके निर्माण की इजाजत भी सीरम इंस्टीट्यूट को दे दी है. आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट इसके पहले भी देश में कोविड वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) का निर्माण कर रही है लेकिन अब DCGI की इजाजत मिलने के बाद यह कंपनी रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-5 का भी प्रोडक्शन करेगी. आपको बता दें कि इसके पहले सीरम इंस्टीट्यूट ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-5 के परीक्षण, विश्लेषण और जांच के लिए डीसीजीआई के पास आवेदन किया था.
Drug Controller General of India grants Serum Institute of India the permission to manufacture SPUTNIK V for examination test and analysis at its licensed facility at Hadapsar: Sources pic.twitter.com/S2lVY2cFl7
— ANI (@ANI) June 4, 2021
आपको बता दें कि भारत में अभी स्पुतनिक-5 के प्रोडक्शन का काम डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज द्वारा भी किया जा रहा है. भारत में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-5 का इस्तेमाल 14 मई से शुरू हुआ था. अभी तक स्पुतनिक-V 50 से भी ज्यादा देशों में कोविड की वैक्सीन के तौर पर रजिस्टर्ड हो चुकी है. एक अध्ययन के अनुसार इस वैक्सीन का प्रभाव अभी तक बनाई जाने वाली वैक्सीन की तुलना में सबसे ज्यादा 97.6 फीसदी है. सीरम इंस्टीट्यूट ने इस वैक्सीन के प्रोडक्शन की इजाजत मिलने के बाद इस बात की मांग की है कि विदेशी वैक्सीन कंपनियों की तरह उन्हें भी सरकार द्वारा संरक्षण दिया जाए.
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न्यूज एजेंसी ANI ने बताया कि, सीरम इंस्टीट्यूट समेत अन्य देसी वैक्सीन कंपनियों ने अब अपील की है कि उन्हें भी सरकार द्वारा संरक्षण दिया जाना चाहिए. अगर विदेशी कंपनियों को सरकार से संरक्षण की सुविधा मिल रही है तो उन्हें भी इसकी सुविधा मिलनी चाहिए. आपको बता दें कि अमेरिका की वैक्सीन निर्माता कंपनी मॉडर्ना और फाइजर ने सरकार से संरक्षण मिलने की अपील की थी. ताकि वैक्सीन लेने के बाद अगर किसी को किसी तरह की दिक्कत आती है तो उसकी जिम्मेदारी कंपनी के ऊपर ना जाए और उसे किसी भी तरह की कानूनी कार्यवाही का सामना नहीं करना पड़े.
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HIGHLIGHTS
- अब भारत में भी बनेगी रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V
- सीरम इंस्टीट्यूट को मिली स्पुतनिक-V बनाने की इजाजत
- DCGI ने सीरम इंस्टीट्यूट को दी इजाजत