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'शराबी-करदाताओं' के आधार भी नोट कर लें, ताकि पैसा न होने का बहाना न कर सकें, कुमार विश्‍वास ने कसा तंज

लॉकडाउन 3.0 लागू होने के दिन से ही शराब की बिक्री को भी हरी झंडी मिल गई. फिर क्‍या था, सोमवार सुबह 6 बजे से ही शराब की दुकानों के आगे लंबी लाइनें लग गईं. कहीं आधा किलोमीटर तो कहीं डेढ़ किलोमीटर तक लंबी लाइनें देखने को मिलीं.

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Sunil Mishra
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kumar Vishwas

'शराबी-करदाताओं' के आधार भी नोट कर लें, ताकि बहाना न कर सकें'( Photo Credit : File Photo)

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लॉकडाउन 3.0 (Lockdown 3.0) लागू होने के दिन से ही शराब की बिक्री को भी हरी झंडी मिल गई. फिर क्‍या था, सोमवार सुबह 6 बजे से ही शराब की दुकानों के आगे लंबी लाइनें लग गईं. कहीं आधा किलोमीटर तो कहीं डेढ़ किलोमीटर तक लंबी लाइनें देखने को मिलीं. कुछ जगहों पर तो प्रशासन शराब की दुकान खुलवाने की हिम्‍मत ही नहीं कर पाया. उधर पूर्वी दिल्‍ली में शराब की दुकानों पर सोशल डिस्‍टेंसिंग (Social Distancing) की धज्‍जियां उड़ाने को लेकर दोपहर बाद से बिक्री बंद कर दी गई. शराब के लिए मची इसी मारामारी को लेकर युवा कवि कुमार विश्‍वास (Kumar Vishwas) ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, 'सरकारों से अनुरोध है कि इस संकटकाल में भी प्राण हथेली पर रख कर अराजक और भयानक-भीड़ के रूप में इकट्ठा हुए इन सब महान “शराबी-करदाताओं” के आधार-कार्ड भी नोट कर ही लें ताकि आगे से ये लोग कभी “राशन के लिए भी पैसा नहीं है” जैसे बहाने न कर सकें! एक हम हैं जो 50 दिन से अनुशासन के साथ स्वेच्छा से ताले में बंद हैं और एक ये महापुरुष हैं.

राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को शराब की दुकानें खुलने के बाद लगी लंबी कतारों के कारण पुलिस कर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं मयूर विहार में लोगों के सामाजिक दूरी ना बनाने के कारण वहां एक दुकान को बंद ही कर दिया गया. सरकार के एक अधिकारी के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) के लॉकडाउन के नियमों में ढील देने के बाद शराब की करीब 150 दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है. ये दुकानें सुबह नौ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक खुल सकती हैं.

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राष्ट्रीय राजधानी में 42 दिन बाद शराब की दुकानें खुली हैं. कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण ये दुकानें बंद थीं. दुकानों के खुलते ही बुराड़ी, मयूर विहार, गांधी विहार, रोहिणी और जनकपुरी में बड़ी संख्या में लोग दुकानों के बाहर इकट्ठे हो गए. पुलिस कर्मी भीड़ को नियंत्रित करते दिखे क्योंकि इन दुकानों में एक बार में पांच से अधिक लोगों को जाने की अनुमति नहीं हैं. सरकार ने इन दुकानों को चलाने वाली चार सरकारी एजेंसियों को दुकानों पर मार्शल तैनात करने को भी कहा है. शहर में सरकारी एजेंसियों और निजी तौर पर चलाई जाने वाली 850 शराब की दुकानें हैं.

आदेश में आबकारी विभाग ने अधिकारियों से एल-7 लाइसेंस प्राप्त निजी दुकानों की पहचान करने को भी कहा है, जो एमएचए के निर्देशों को पूरा करती हों. अधिकारियों से तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. सरकार ने अभी केवल एल-7 और एल-8 लाइसेंस प्राप्त शराब की दुकानों को ही शहर में बिक्री की अनुमति दी है, जो चार सरकारी एजेंसियों द्वारा चलाई जाती है.

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अधिकारी ने कहा, ‘‘ मॉल और बाजार में शराब की दुकानें बंद रहेंगी. सरकारी दुकानें केवल सुबह नौ से शाम साढ़े छह बजे तक खुलेंगी. एक बार में दुकान में पांच से अधिक लोग मौजूद ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए ये चार एजेंसियों वहां मार्शल भी तैनात करेंगी.’’ विभाग ने एजेंसियों से कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ समन्वय स्थापित करने को भी कहा है.

आदेशानुसार गोदामों में सुबह सात बजे से शाम साढ़े छह बजे तक काम किया जा सकता है. दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर को मॉल और बाजार परिसर छोड़कर सार्वजनिक स्थानों पर शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है. आबकारी विभाग के अनुसार एजेंसियों को यह कहते हुए एक हलफनामा देना होगा कि शराब की दुकानें खोलने की अनुमति एमएचए के दिशा-निर्देश पूरे करने पर दी गई है.

Source : News Nation Bureau

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