केरल के दक्षिण और मध्य हिस्से में शनिवार को भारी बारिश देखी गई। इस कारण कई स्थानों पर अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम अब तक 18 लोगों की मौत हो गई। वहीं करीब दर्जन भर से अधिक लोग लापता हो गए. बारिश की वजह से यहां पर हालात बदतर हो गए हैं. राज्य सरकार ने बचाव कार्य के लिए सेना से मदद का आग्रह किया है. देश के इस दक्षिणी राज्य में बारिश की वजह से कई लोग घायल हो गए. वहीं कई लोग विस्थापित हुए हैं. राज्य के सबसे अधिक बांध अपनी क्षमता से ज्यादा भर गए हैं. भूस्खलन के कारण पहाड़ों में बसे कई छोटे कस्बे और गांव कट चुके हैं.
बाढ़ का मंजर देखने को मिला
कोट्टयम, इडुकी और पथनमथिट्टा जिलों के पहाड़ी इलाकों में कुछ ऐसी स्थिति सामने देखने को मिली है। यहां पर वर्ष 2018 और 2019 की विनाशकारी बाढ़ का मंजर देखने को मिला। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। दावे के बावजूद राज्य पुलिस और दमकल विभाग की राहत टीम बाढ़ और खराब मौसम के कारण प्रभावित इलाकों तक नहीं पहुंच सकी है।
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मुख्यमंत्री ने कहा, स्थिति गंभीर
केरल के सीएम पिनराई विजयन के अनुसार स्थिति गंभीर है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नवीनतम मौसम पूर्वानुमान संकेत दे रहा है कि हालात अब इससे अधिक खराब नहीं होने वाले हैं। अधिकारियों के अनुसार थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवान कोट्टयम के कूट्टीकल और इडुकी के पेरुवनथानम पहाड़ी गांव पहुंच गए हैं। यहां पर नदी कई घरों को अपने साथ बहा ले गई। वहीं कई लोग विस्थापित हुए हैं।
एमआई-17 और सारंग हेलीकॉप्टर तैयार
रक्षा प्रवक्ता के अनुसार,‘आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एमआई-17 और सारंग हेलीकॉप्टर पहले से तैयार करे गए हैं। केरल में मौसम की स्थिति को देखते हुए वायुसेना की दक्षिणी कमान के सभी अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा है।’ प्रवक्ता के अनुसार, भारतीय थलसेना पूरी तरह से सतर्क है। प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान जारी है। एक टुकड़ी को पैंगोड सैन्य ठिकाने से कोट्टयम जिले के कांजीरपनल्ली में रवाना किया गया। इसमें एक अधिकारी, दो जेसीओ और 30 अन्य जवानों को भी रखा गया है।’
Source : News Nation Bureau