कोरोना वायरस कोरोना के डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है. डॉक्टर राकेश ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि, ऐसा भी हो सकता है कि चमगादड़ के बाद उस वायरस ने किसी और जानवर को भी संक्रमित किया हो, क्योंकि ये वायरस आनुवंशिक मामलों में कोरोना वायरस के 96 फीसदी समानता के साथ कोविड के सबसे निकटतम है. उन्होंने आगे बताया कि, यह हमें उन लोगों में एंटी-बॉडीज के बारे में भी बताएगा जिन्हें पहले से ही टीका लगाया जा चुका है. देश में बड़े पैमाने पर सीरोसर्वेक्षण बहुत उपयोगी होगा. कोरोना का डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) आपके घर के माहौल में ज्यादा फैलता है.
इसी वजह से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहली लहर की तुलना में ज्यादा खतरनाक साबित हुई. ब्रिटेन की गवर्नमेंट हेल्थ ऑर्गनाइजेशन पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने इस बात का पता लगाया है. आपको बता दें कि कोरोना के इस नए वैरिएंट की जानकारी सबसे पहले भारत में हुई थी. अध्ययन के मुताबिक इस बात का पता चला है कि कोरोना वायरस के अन्य वैरिएंट ज्यादातर घर के एकाध सदस्य को प्रभावित या संक्रमित करते हैं जबकि डेल्टा वैरिएंट घर के ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को अपनी चपेट में ले लेता है.
जानिए क्या कहता है अध्ययन
ब्रिटेन की गवर्नमेंट हेल्थ ऑर्गनाइजेशन पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड का इस पर अध्ययन शुक्रवार को जारी हुआ. इस अध्ययन में बताया गया, कि हमने अपने घरों में कोरोना वायरस संक्रमण का अध्ययन किया है. इस अध्ययन में पाया गया है कि अल्फा वैरिएंट की तुलना में डेल्टा वैरिएंट ज्यादा तेजी से लोगों को संक्रमित करता है. डेल्टा वैरिएंट के लिए घर का माहौल ज्यादा अनुकूल है जिसमें वो तेजी से फैलता है. तभी परिवार में किसी को भी संक्रमण होने पर ये पूरे घर को अपनी चपेट में ले लेता है.
वैक्सीनेशन है सबसे बड़ा उपाय
इस अध्ययन में एक बात की और जानकारी मिली की डेल्टा वैरिएंट के कारण लोगों के घरों में 64 फीसदी ज्यादा कोरोना फैला. ऐसे में इस वायरस का सोसाइटी में बहुत बड़ा असर दिखाई दिया. इसी वजह से भारत में कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हुई. अध्ययन में एक और बात का पता चला कि वैक्सीनेशन इस वैरिएंट से सुरक्षा प्रदान करता है. यहां तक कि वैक्सीनेशन के बाद कोरोना संक्रमण होने पर भी बीमारी गंभीर रूप नहीं लेती है.
Source : News Nation Bureau