रॉकेट प्रक्षेपण के समय तनावमुक्त व सतर्क थे इसरो के अधिकारी

छह हजार कि. मी. की परिक्रमा के बारे में पूछे जाने पर सोमनाथ ने कहा, "यह रॉकेट अधिकतम ईंधन उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है."

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Ravindra Singh
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रॉकेट प्रक्षेपण के समय तनावमुक्त व सतर्क थे इसरो के अधिकारी
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चंद्रयान-2 मिशन के प्रक्षेपण के समय कंट्रोल रूम में बैठे इसरो के अधिकारियों ने तनाव को अपने पास फटकने तक नहीं दिया और वह सतर्क बने रहे. विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक एस. सोमनाथ ने मीडिया को बताया, "तनावपूर्ण होने का कोई कारण नहीं था और हम हमेशा की तरह सतर्क थे." चंद्रयान-2 के लिए उपयोग में लाए गए रॉकेट जियोसिंक्रोनाइज सैटेलाइट लांच व्हीकल मार्क-3 (GSLV M-3) द्वारा हासिल की गई अतिरिक्त छह हजार कि. मी. की परिक्रमा के बारे में पूछे जाने पर सोमनाथ ने कहा, "यह रॉकेट अधिकतम ईंधन उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है."

सोमनाथ ने कहा, "रॉकेट की बनावट सरल है. इसे विफलता को रोकने के लिए भी डिजाइन किया गया है. रॉकेट की लागत अन्य रॉकेटों की तुलना में कम है." अंतरिक्ष में रॉकेट के उड़ान भरने के दौरान अंतरिक्ष वैज्ञानिक अपनी कंप्यूटर स्क्रीन से चिपके हुए थे, मगर उनके चेहरे पर कोई तनाव दिखाई नहीं दे रहा था. एक बार जब जीएसएलवी एम-3 चंद्रयान-2 को लेकर प्रक्षेपित किया गया तो वैज्ञानिकों ने उत्सकुता में अपनी सीट छोड़ दी. वह मुस्कुराए और एक दूसरे को बधाई दी.

इस दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन सहित सभी मुस्कुरा रहे थे. जब रॉकेट आसमान की ओर बढ़ रहा था तो मीडिया सेंटर की छत पर इसरो के अधिकारी और मीडियाकर्मी ताली बजा रहे थे. यह लांचिंग देखने के लिए पास की इमारतों की छतों पर भी लोग मौजूद थे.

HIGHLIGHTS

  • लांचिंग के समय मुस्कुरा रहे थे अधिकारी
  • तनाव को अपने पास तक नहीं आने दिया
  • लांचिंग के बाद एक दूसरे को दीं बधाइयां

Source : IANS

isro Vikram Sarabhai Space Center GSLV M3 Chandrayan2
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